नई दिल्ली, (नेशनल थॉट्स )- गणेश चतुर्थी, जिसे भारतीय पर्वों का राजा कहा जाता है, वर्ष 2023 में 19 सितंबर को मनाया जाएगा। यह पर्व गणपति भगवान की पूजा का महत्वपूर्ण त्योहार है, और इसे सर्वप्रथम उन्हीं की पूजा की जाती है, जिन्हें विघ्नहर्ता के रूप में माना जाता है। गणेश जी का आगमन विघ्नों को दूर करता है और सफलता के मार्ग को साफ करता है।
Ganesh Chaturthi 2023 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्री गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करने का शुभ समय 19 सितंबर को सुबह 10 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर के 01 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।
गणेश जी को प्रसाद में मोदक क्यों चढ़ाते हैं?
मोदक को गणेश चतुर्थी के पूजन में प्रसाद के रूप में खासतर पसंद किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, मोदक गणपति को बेहद पसंद हैं और उनका पसंदीदा मिठाई है। चंद्रमा के साथ एक पुराणिक कथा भी है, जिसमें बताया गया है कि गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दिया था, और उनकी दिशा में मोदक का भोग लगाने का परंपरागत आदर्श है। मोदक का अर्थ होता है – खुशी या आनंद, और गणेश जी को खुशहाली और शुभ कार्यों के देवता के रूप में माना जाता है, इसलिए भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए मोदक का भोग लगाते हैं।
चंद्र दर्शन के दिन क्यों निषेध है?
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन को निषेध माना जाता है, क्योंकि इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति पर मिथ्या कलंक आ सकता है, और उस पर कोई झूठा आरोप लग सकता है। एक पुराणिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने भी Ganesh Chaturthi के दिन चंद्र दर्शन किया था, जिसकी वजह से उन्हें भी मिथ्या का दोष लगा था। इसलिए चंद्र दर्शन को इस दिन निषेध माना जाता है।
गणेश चतुर्थी व्रत और पूजन विधि
- व्रती को चाहिए कि प्रातः स्नान करने के बाद सोने, तांबे, मिट्टी की गणेश प्रतिमा लें।
- चौकी में लाल आसन के ऊपर गणेश जी को विराजम