गंगासागर मेला 2025 के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने अपनी दूसरी बटालियन से पाँच विशेष खोज और बचाव दल तैनात किए हैं। इनमें उच्च प्रशिक्षित बचाव कर्मी, एक विशेष डॉग-के9 दस्ता, और चिकित्सा व संचार दल शामिल हैं। ये दल मेला क्षेत्र के पाँच प्रमुख स्थानों पर तैनात किए गए हैं:
मेला ग्राउंड
लॉट-8
कचुबेरिया
नामखाना
बेनुबन
आपात स्थिति के लिए तत्पर तैयारी
टीमें जलीय खोज और बचाव, संरचनात्मक घटनाओं और सीबीआरएन आपात स्थितियों (रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल, और परमाणु) के लिए उन्नत उपकरणों से लैस हैं।
महिला बचाव दल और चिकित्सा प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं की उपस्थिति सुरक्षा प्रयासों को और सशक्त बनाती है।
NDRF के कमांडर ने आश्वासन दिया कि टीमें पूरी तरह प्रशिक्षित और तैयार हैं।
सागर द्वीप पर प्रशासन की तैयारी
पश्चिम बंगाल सरकार ने मकर संक्रांति (14 जनवरी) के दौरान मेले की मेजबानी के लिए लगभग 13,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। सुरक्षा को लेकर विशेष प्रबंध किए गए हैं:
सादे कपड़ों में सुरक्षाकर्मी द्वीप और आसपास तैनात रहेंगे।
तटीय निगरानी के लिए तटरक्षक बल का सहयोग लिया जाएगा।
मेला क्षेत्र और कपिल मुनि आश्रम के आसपास अतिरिक्त लाइटें लगाई गई हैं।
सीसीटीवी और निगरानी व्यवस्था
1,150 सीसीटीवी कैमरे मेला क्षेत्र में निगरानी के लिए लगाए गए हैं।
कार्यवाही पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त टावर स्थापित किए गए हैं।
डीएसपी रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और राज्य आपदा प्रबंधन कर्मचारी तैनात रहेंगे।
तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा
गंगासागर मेले के दौरान देश और विदेश से लाखों हिंदू तीर्थयात्री गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम पर पवित्र स्नान के लिए एकत्र होते हैं। इस वर्ष, बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने अतिरिक्त एहतियाती कदम उठाए हैं।
गंगासागर मेले का महत्व
गंगासागर मेला हिंदू धर्म का एक प्रमुख आयोजन है, जहां श्रद्धालु मकर संक्रांति के अवसर पर स्नान और दान-पुण्य करके अपने जीवन को पवित्र करने का प्रयास करते हैं। इस साल के आयोजन को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए प्रशासन ने हर संभव प्रयास किया है।