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Gayatri Mantra: Why everyone should chant Gayatri Mantra

Gayatri Mantra: आखिर क्यों हर किसी को गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए

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   गायत्री जयंती ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। वेदों में गायत्री मंत्र को बहुत ही चमत्कारी और लाभकारी बताया गया है। इस मंत्र का जाप आमतौर पर उपनयन संस्कार के बाद किया जाता है। आखिर क्यों हर किसी को गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। जानिए इस मंत्र के बारे में 7 ऐसी बातें…

वेदों की कुल संख्या चार है। इन चारों वेदों में गायत्री मंत्र का उल्लेख किया गया है। इस मंत्र के ऋषि विश्वामित्र हैं और देवता सविता हैं। माना जाता है कि इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि इसका नियमित तीन बार जाप करने वाले व्यक्ति के आसपास नकारात्मक शक्तियां यानी भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाएं नहीं फटकती हैं।

गायत्री मंत्र का जाप करने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। यह मंत्र कहता है, ‘आइए हम उस जीवनदायक, दुखहर्ता, सुखदायक, सर्वोच्च, तेजस्वी, पापनाशक, देवतुल्य ईश्वर को अपने हृदय में धारण करें।’ वह ईश्वर हमारी बुद्धि को सन्मार्ग पर प्रेरित करें। यानी इस मंत्र के जाप से बौद्धिक क्षमता और मेधा शक्ति यानी याद रखने की क्षमता बढ़ती है। इससे व्यक्ति का तेज बढ़ता है और दुखों से मुक्ति का रास्ता भी मिलता है।

गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से दो घंटे पहले से सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक किया जा सकता है। मौन मानसिक जप कभी भी किया जा सकता है लेकिन रात्रि के समय इस मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि रात के समय गायत्री मंत्र का जाप करना लाभकारी नहीं होता है।

आर्थिक मामलों में परेशानी होने पर गायत्री मंत्र के साथ श्रीं श्रीं का जाप करने से आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं।

विद्यार्थियों के लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी है। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि गायत्री सद्बुद्धि का मन्त्र है, इसलिये इसे मन्त्रों का शिरोमणि कहा गया है। नियमित रूप से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करने से बुद्धि तेज होती है और किसी भी विषय को लंबे समय तक याद रखने की क्षमता बढ़ती है। यह व्यक्ति की बुद्धि और विवेक को भी बढ़ाने का काम करता है।

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