नई दिल्ली ( National Thoughts) प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने सरकारी परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) नामक उप-योजना की शुरुआत की है। इसके माध्यम से, 2019-2020 से प्राकृतिक खेती को रसायन मुक्त खेती के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
- बीपीकेपी के तहत देश भर में प्राकृतिक खेती के लिए विभिन्न राज्यों में 4.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को मंजूरी दी गई है और 70.13 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
- गंगा कॉरिडोर के किनारे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 1.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को भी मंजूरी दी गई है।
सुविधाएं:
- ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कृषि क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है।
- एसएमएएम के तहत ड्रोन की खरीद की लागत पर 100 प्रतिशत की दर से अधिकतम 10 लाख रुपये प्रति ड्रोन की खरीद की जा रही है।
- एसएमएएम के माध्यम से किसानों को सब्सिडी पर 461 किसान ड्रोन की आपूर्ति और 1585 किसान ड्रोन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
इन योजनाओं के माध्यम से, उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कृषि क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ाया जा रहा है जिससे किसानों को बेहतर फसल प्रबंधन, फसल की उपज बढ़ाने और संचालन की लागत को कम करने में मदद मिल रही है। यह भी उन्हें नई और अधिक सामर्थ्यपूर्ण उपकरणों का उपयोग करने की संभावना है।