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एफडी प्रवाह में गुजरात ने मारी बाजी, वित्त वर्ष 2023-24 में 55 प्रतिशत अधिक रहा एफडी प्रवाह

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गाँधीनगर। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा जारी नए आँकड़ों के अनुसार गुजरात ने पिछले वित्त वर्ष में $4.7 बिलियन की तुलना में वित्त वर्ष 24 में 55 प्रतिशत अधिक यानी $2.6 बिलियन FDI हासिल करते हुए FDI प्रवाह में देश में सबसे अधिक ग्रोथ दिखाई है। गुजरात ने वित्त वर्ष 24 में $7.3 बिलियन डॉलर का नया प्रत्यक्ष विदेश निवेश (FDI) हासिल करते हुए FDI प्रवाह में कर्नाटक और दिल्ली को पछाड़कर दूसरा स्थान भी हासिल किया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विजन के अनुरूप गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल ने राज्य में कई उद्योग अनुकूल निर्णय व नीतियों को लागू किया है जिसका परिणाम यह हुआ है कि गुजरात ने लगातार तीन वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2022 में $2.7 बिलियन, वित्त वर्ष 2023 में $4.7 बिलियन और वित्त वर्ष 2024 में $7.3 बिलियन का निवेश हासिल कर लगातार एक उत्तरोत्तर वृद्धि दर्शाई है।

गुजरात को लगातार मिल रहे FDI प्रवाह के बारे में गुजरात के उद्योग एवं खान विभाग के मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत ने बताया कि, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदीजी के मार्गदर्शन में हमारे मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राज्य में निवेश और व्यापार के लिए स्टेट ऑफ दि आर्ट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर इंडस्ट्री फ्रेंडली पॉलिसीज़ तक हर संभव सुविधा की उपलब्धता हो। प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के विशेष प्रयासों के कारण आज गुजरात सेमीकंडक्टर और दूसरे बड़े सेक्टर्स में भी बड़े निवेश हासिल कर रहा है।”

गुजरात में FDI प्रवाह के प्रमुख कारणों में अत्याधुनिक औद्योगिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, उद्योग अनुकूल नीतियाँ, और ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस शामिल हैं। GIFT सिटी, साणंद GIDC, धोलेरा SIR (Special Investment Region), और मांडल बेचराजी SIR जैसे क्लस्टर-आधारित औद्योगिक एस्टेट्स भी इस FDI प्रवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि वित्त वर्ष 2023-24 में गुजरात ने मार्की प्रोजेक्ट्स जैसे कि सेमीकंडक्टर सेक्टर में भारी निवेश हासिल किया है।

साथ ही, पिछले तीन सालों में क्षेत्र-विशिष्ट नीतियों जैसे अक्षय ऊर्जा, सेमीकंडक्टर, और इलेक्ट्रॉनिक्स नीति के प्रभावी कार्यान्वयन ने भी FDI प्रवाह को आकर्षित करने में सहायता की है। राज्य सरकार द्वारा नए प्लान्ट्स के लिए विभिन्न आर्थिक प्रोत्साहन, जमीन आवंटन में सर

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