तारीख और दिन
गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती 2025 में 6 जनवरी, सोमवार को मनाई जाएगी। यह दिन सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है।
कौन थे गुरु गोबिंद सिंह जी?
गुरु गोबिंद सिंह जी सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने सिख धर्म को नई दिशा दी और धार्मिक, सामाजिक न्याय के लिए अपना जीवन समर्पित किया।
क्यों मनाई जाती है गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती?
धार्मिक और सामाजिक योगदान
गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की और समानता, न्याय और मानवता का संदेश दिया। उन्होंने “संत सिपाही” की अवधारणा दी, जो धर्म और समाज की रक्षा का प्रतीक है।
प्रेरणा का स्रोत
उनका जीवन साहस, निडरता और सेवा का आदर्श है। उनकी जयंती हमें उनके सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा देती है।
गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती कैसे मनाई जाती है?
गुरुद्वारों में अरदास और कीर्तन
सभी गुरुद्वारों में सुबह-सुबह अरदास और कीर्तन का आयोजन होता है। इसमें गुरु जी के जीवन और उनके कार्यों का स्मरण किया जाता है।
नितनेम और बानी का पाठ
इस दिन श्रद्धालु गुरु गोबिंद सिंह जी की रचनाएं जैसे ‘चंडी दी वार’ और ‘जाप साहिब’ का पाठ करते हैं।
लंगर सेवा
गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन होता है, जहां सभी धर्मों और वर्गों के लोग एक साथ भोजन करते हैं। यह सेवा और भाईचारे का प्रतीक है।
सामाजिक कार्यों में भागीदारी
इस दिन रक्तदान, वृक्षारोपण और गरीबों की मदद जैसे कार्य किए जाते हैं, जो गुरु जी के सेवा सिद्धांतों को दर्शाते हैं।
धार्मिक प्रवचन और संगत
गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाओं पर आधारित प्रवचन और संगत आयोजित होती है, जो उनके विचारों को आत्मसात करने का अवसर देती है।
कहां-कहां मनाई जाती है गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती?
भारत
गुरु जी के जन्मस्थान पटना साहिब और अन्य प्रमुख गुरुद्वारों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
विदेशों में
ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका और स्विट्ज़रलैंड जैसे देशों में भी यह जयंती श्रद्धा के साथ मनाई जाती है।
गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती हमें उनके आदर्शों और सिद्धांतों पर चलने का अवसर देती है। यह दिन समाज में प्रेम, एकता और सेवा का संदेश फैलाने का प्रतीक है।