ज्ञानवापी विवाद : परिसर में मिले शिवलिंग को फव्वारा बताया
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आज सिविल कोर्ट में दोनों मामलों पर होगी सुनवाई
न्यूज डेक्स ( नैशनल थॉट्स ) : वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के सर्वे मामले में आज सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में दो एप्लिकेशन के सात मुद्दों पर सुनवाई होनी है | इसी बीच आज दी बनारस बार एसोसिएशन ( The Banaras Bar Association) और दी सेंट्रल बार एसोसिएशन के वकील हड़ताल पर रहेंगे।
वकीलों का सरकार पर आरोप
वकीलों का आरोप है कि प्रदेश सरकार के विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल की ओर से DM को भेजे गए पत्र में उनकी मंशा वकीलों को अराजक संबोधित करने की है। हालांकि बताया जा रहा कि हड़ताल का असर सुनवाई पर नहीं पड़ेगा।
UP सरकार का प्रार्थना पत्र
पहला प्रार्थना पत्र UP सरकार यानी DGC सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय का है। दूसरा प्रार्थना पत्र हिंदू पक्ष, यानी मां श्रृंगार गौरी मामले की वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक का है।
आइए अब एक-एक कर बताते हैं कि दोनों एप्लिकेशन में 7 पॉइंट्स पर क्या मांग की गई है…
हिंदू पक्ष का कहना है कि यह तस्वीर ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित वजू खाने में शिवलिंग की है। वहीं, मस्जिद पक्ष के लोगों का कहना है कि यह फव्वारा है।
पहली एप्लिकेशन: सील होने के बाद की समस्या दूर की जाए
ज्ञानवापी मस्जिद स्थित जिस 3 फीट गहरे मानव निर्मित तालाब को सीज किया गया है। उसके चारों तरफ पाइप लाइन और नल हैं। उस नल का उपयोग नमाजी वजू के लिए करते हैं। तालाब परिसर सील होने के कारण नमाजियों के वजू के लिए बाहर व्यवस्था की जाए।
ज्ञानवापी के सील हुए क्षेत्र में शौचालय भी हैं। उनका उपयोग नमाजी करते हैं। अब उन्हें वहां नहीं जाने दिया जा रहा है। ऐसे में उनकी व्यवस्था की जाए।
सील किए गए तालाब में कुछ मछलियां भी हैं। ऐसे में उन्हें खाने की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। उन मछलियों को अब कहीं और पानी में छोड़ा जाए।
दूसरा एप्लिकेशन: कुछ दीवारें गिराकर वीडियोग्राफी हो
ज्ञानवापी में जहां शिवलिंग मिला है, वहां और उसके आसपास कोई वजू न करे।
शिवलिंग के पूर्व और उत्तर दिशा की दीवार के साथ ही नंदी के उत्तर दिशा की दीवार तोड़ कर मलबा हटाया जाए।
शिवलिंग की लंबाई-चौड़ाई और ऊंचाई का पता लगाने के लिए कमीशन की कार्रवाई हो।
बैरिकेडिंग के अंदर पश्चिम दिशा की दीवार को तोड़ कर मंडपम् की भी वीडियोग्राफी करवाई जाए।
सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई
माना जा रहा है कि इन दोनों प्रार्थना पत्र पर दोपहर बाद कोर्ट का फैसला आएगा। इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि ज्ञानवापी मामले से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए भी जिला अदालत कोई निर्णय ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 19 मई को होगी।