हरियाणा में 2024 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और सियासी माहौल गर्म हो चुका है। भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है, लेकिन भाजपा के लिए एक और चुनौती सामने आ गई है—मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के भीतर बढ़ती खींचतान। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस पद के लिए अपना दावा ठोक चुके हैं, जिससे भाजपा की टेंशन बढ़ गई है।
हाल ही में राव इंद्रजीत सिंह के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने भी मुख्यमंत्री पद के लिए दावा ठोका है। विज, जो छह बार विधायक रह चुके हैं, ने कहा है कि अगर भाजपा सत्ता में लौटती है तो वह सीएम पद के लिए दावा करेंगे। विज ने कहा, “मैंने आज तक पार्टी से कभी कुछ नहीं मांगा, लेकिन इस बार जनता और मेरी वरिष्ठता के आधार पर मैं मुख्यमंत्री बनने का दावा करूंगा।”
इन बयानों के बीच, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है। हरियाणा चुनावों के लिए भाजपा के प्रभारी प्रधान ने कहा है कि नायब सिंह सैनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। प्रधान ने कहा, “नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में भाजपा हरियाणा में जीत की हैट्रिक बनाएगी।”
मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के भीतर की यह खींचतान भाजपा के लिए चुनौती बन सकती है। विज और इंद्रजीत जैसे वरिष्ठ नेताओं के दावों के बीच पार्टी के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि कैसे इन दावेदारों को संतुष्ट किया जाए।
केंद्रीय नेतृत्व की ओर से फिलहाल नायब सिंह सैनी को सीएम पद का चेहरा बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। प्रधान ने स्पष्ट किया है कि पार्टी का फैसला अंतिम है, लेकिन ऐसे बयानों के चलते भाजपा को चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
भाजपा के लिए हरियाणा चुनाव न सिर्फ कांग्रेस से लड़ाई है, बल्कि पार्टी के अंदर की खींचतान से भी निपटना एक बड़ी चुनौती होगी। आने वाले दिनों में देखना होगा कि पार्टी इस आंतरिक टकराव को कैसे संभालती है और किस रणनीति से चुनावी मैदान में उतरती है।