पपीता एक ऐसा फल है, जिसके सेवन से हमारे शरीर को कई तरह से फायदा मिलता है। लेकिन सिर्फ पपीता ही नहीं बल्कि पपीते का पत्ता भी औषधीय गुणों से भरपूर होता है। ऐसे में अगर आप भी सेहतमंद बने रहना चाहते हैं, तो आपको पपीते के पत्ते का रस बनाकर पीना चाहिए। बता दें कि पपीते के पत्ते का रस त्वचा, लिवर, बालों आदि के लिए लाभकारी होता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको पपीता के पत्ते के जूस के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।
डेंगू बुखार में फायदेमंद
बदलते मौसम में बहुत सारे लोग डेंगू से परेशान रहते हैं। वहीं इस बीमारी के कारण हर साल देश में कई लोग जान गंवा देते हैं। डेंगू में दाने, सिरदर्द, तेज बुखार, जोड़ों और मसल्स में दर्द, आंख में दर्द और कंपकंपी लगती है। डेंगू के बुखार में शरीर में प्लेटलेट तेजी से गिरती हैं, जिसके कारण कई बार मरीज की जान चली जाती है। प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने के लिए डेंगू के मरीज को रोजाना दिन में दो बार पपीते के पत्ते का 25 एमएम रस पीना चाहिए। क्योंकि इसके रस में बायोएक्टिव यौगिक होते हैं, जो डेंगू बुखार के असर को कम करने में सहायक होते हैं।
एंटी मलेरिया होता है पपीते का पत्ता
पपीते के पत्ते, फल, बीज और जड़ में एंटी मलेरियल गुण पाया जाता है। जो ब्लड में मौजूद पैरासाइट्स को खत्म करने का काम करता है। इससे मलेरिया जैसी बीमारी के रोकथाम में मदद मिलती है। इसलिए आप चाहें तो रोजाना पपीते के पत्ते के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
पेट की सेहत
पपीते के पत्तों में कार्बन के रासायनिक यौगिक पाए जाते हैं, जो डाइजेशन सिस्टम को सही रखता है। इसके सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर जैसे इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम राहत मिलती है। वहीं पपीते के पत्ते के रस के इस्तेमाल से अल्कोहल की वजह से होने वाले गैस्ट्रिक की परेशानी या अल्सर भी ठीक हो सकता है।
लिवर के लिए फायदेमंद
कई बार हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया यानी उच्च कोलेस्ट्रोल की वजह से लिवर खराब हो सकता है। इस समस्या से बचने के लिए पपीते के पत्ते का रस पीना चाहिए। क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के साथ ही खून को साफ करता है। साथ ही यह रस पीलिया और सिरोसिस आदि से बचाने में सहायक होता है।
इम्यूनिटी को बढ़ाए
पपीते के पत्ते का रस इम्यूनिटी को बूस्ट कर तमाम बीमारियों से शरीर की रक्षा करता है। इस रस में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण पाया जाता है। जिसकी सहायता से प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर में जरूरत के अनुसार काम करता है।
एंटी-कैंसर
पपीते के पत्ते के जूस में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी मौजूद होता है। जो कैंसर जैसी कई खतरनाक बीमारियों से लड़ने में सहायक होता है। इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव बॉडी में बढ़ रहे कैंसर सेल्स और ट्यूमर सेल्स को बढ़ने से रोकता है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी नोसाइसेप्टिव
आपको बता दें कि पपीते के पत्ते में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर में किसी भी तरह की सूजन को कम करता है और इसमें एंटीनोसाइसेप्टिव प्रभाव भी होता है। पपीते के पत्ते का रस एंटी नोसाइसेप्टिव एजेंट न्यूरॉन्स और नर्वस सिस्टम में दर्द पैदा करने वाले और हानिकारक तत्व का पता लगाकर उसको रोकने का कार्य करता है।
त्वचा के लिए लाभकारी
पपीते के पत्ते का चबाने से स्किन की हेल्थ अच्छी हो सकती है। इसमें मौजूद विटामिन-सी और ई स्किन को अल्ट्रा वॉयलट किरणों से बचाने के साथ-साथ रिंकल्स को भी दूर करने में मदद करते हैं। विटामिन-सी कोलेजन को बनाने में मदद करता है और त्वचा में कसाव लाता है।
डैंड्रफ से छुटकारा
बालों की सेहत पर डैंड्रफ काफी बुरा असर डालता है। ऐसे में आप पपीते के पत्ते की मदद से डैंड्रफ से छुटकारा पा सकते हैं। पपीते के पत्ते का रस निकालकर इससे स्कैल्प की मसाज करने से डैंड्रफ दूर होता है। वहीं आप चाहें तो पपीते के पत्ते को पीसकर इसका पेस्ट भी स्कैल्प पर अप्लाई कर सकती हैं। इससे डैंड्रफ की समस्या दूर होगी।
ऐसे बनाएं पपीते के पत्ते का रस
पपीते के पत्ते का रस बनाने के लिए 8-10 पत्तों को धोकर साफ कर लें। अब इन पत्तों को मिक्सी में डालकर कुछ सेकेंड के लिए चलाएं। फिर छन्नी या कॉटन के कपड़े की मदद से इसको छान लें। इस तरह से पपीते के पत्ते का जूस बनकर तैयार हो जाएगा।
ऐसे करें पपीते के पत्ते के जूस का इस्तेमाल
हालांकि पपीते के पत्ते का जूस का इस्तेमाल सिर्फ एक बार में ही करना चाहिए और इसको सीधे पी लेना चाहिए। इस रस का टेस्ट इतना कड़वा होता है कि काफी समय तक मुंह का स्वाद बिगड़ा रहता है।
पपीते के पत्ते का जूस बनाने के दौरान आप इसमें कुछ मीठा फल मिला सकते हैं।
इसके रस की कड़वाहट को कम करने के लिए आप इसमें थोड़ी चीनी, मिश्री या फिर शहद मिला सकते हैं।
जानिए पपीता के पत्ते के जूस के नुकसान
वैसे तो पपीता के पत्ते का जूस बेहद फायदेमंद होता है। लेकिन इससे भी काफी नुकसान होते हैं।
पपीते के पत्ते का रस गर्भपात की वजह बन सकती है।
इसके अलावा इसका रस बांझपन की वजह बन सकता है।
वहीं कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है।