नई दिल्ली – राजधानी दिल्ली में ऐशिया की सबसे बड़ी चौधरी हीरा सिंह फल-सब्जि मंडी आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, यहां देश के विभिन्न राज्यों के किसान व कारोबारी अपने व्यपार को उंचाईयों पर ले जाने का सपना देखते हैं, इन स्पनों को साकार करने के लिए प्रशासन का सहयोग जरूर रहता। बिना प्रशासनिक सहयोग यहां के व्यापारियों का स्पना कभी पूरा नहीं होगा और प्रशासन यह कभी पूरा होने नहीं देना चाहता।
क्योंकि मंडी में कदम-कदम जो सस्याएं आए दिन मुंहबाए खड़ी रहती उन्हों दूर करने की और प्रशासन कभी ध्यान नहीं देता, अपितु चंद पैसों के लालच में ये अधिकरी मंडी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने में व्यस्त रहते हैं, यदि कोई कारोबारी, किसान या आड़ती इनके समाने अपनी समस्याएं रखते हैं तो वो इन्हें गंभीरता से नहीं लेते नज़र अंदाज करते हुए बार टालमटोली कर देते हैं।
मंडी की व्यवस्थाओं पर जब यहां के आड़तियों व कारोबारियों से नेशनल थॉटस् मीडिया ने बात की तो मंडी कमेटी के नवनिर्वाचित सदस्य गोपाल जी ने कहाकि मैं मंडी की सभी समस्यांओं से परिचित हूं, अभी हाल ही में मंडी के चुनाव सम्मपन्न हुए हैं, मैं अपने साथियों की समस्याओं को मंडी के बड़े अधिकारियों तक पहुंचाकर इन का समाधान करने का प्रयास करूंगा। यदि प्रशासन हमारी मांगों को सीधे तरीके से नहीं सुनेगा तो हम आंदोलन करने में भी पीछे नहीं हटेंगे।
वहीं आलू कारोबारी संदीप खंडेलवाल ने बताया कि मंडी मे कारोबारियों को कोई सुनवाई नहीं होती, प्रशासन के लोग खुद अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं, यहां भ्रष्टाचार चर्म पर है। डी-ब्लॉक की गलियों में पानी आने से कीचड़ बन जाने से मजदूरों को माल ढोने दिक्कतें हो रही हैं, आढ़ती नरक की जिंदगी जीने को मजबूर हैं।सी प्रकार सैड-15 में भी बीते तीन माह से सड़क तोड कर नाली खुली छोड़ी हुई है, जहां किसीभी समय गंभीर घटना का अंदेशा बना रहता है, इसके अलावा मंडीं में कई जगहों पर अवैध ढाबे व दुकाने भी चल रही हैं जहां न सफाई का ध्यान है न खाने की पौषटिकता है, यहां का खाना खा कर अक्सर लोग बीमार रहते हैं, लेकिन प्रशान यहां के मजदूरों के हितों की रक्षा करने की बजाय, अवैध काम करने वालों से अपनी जेबें गमर करने में लगे रहते हैं।
मंडी के पूर्व में सदस्य रहे अनिल मलहोत्रा ने बताया कि मंडी में कारोबार करना हमारे लिए काफी कठिन हो रहा है, जाम इतना है कि गेट से अपनी दुकान तक पहुंचने मे घंटो लगजाते, यहां असामाजिक तत्वों की संख्या में आएदिन इजाफा हो रहा है, नशेडियों का आतंक है, छोटे-छोटे बच्चे आड़तियों का माल चोरी करते रहते हैं, पुलिस केवल नाम कि आति है, मंडी में अपराध कम करने केलिए यहां पुलिस बल बढ़ाने के लिए हम कई बार स्थानिय प्रशासन से मांग कर चुके हैं, अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हुई, केवल आसवासन मिता है।