सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित याचिका पर सुनवाई नवंबर के पहले सप्ताह तक स्थगित कर दी है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुनवाई के लिए समय की आवश्यकता है और यह 21 अक्टूबर के बाद ही संभव होगी। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला उस समय आया जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत में लंबित 18 मामलों को सुनवाई के लिए अपने पास ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। इस फैसले को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
हिंदू पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है, जिसमें अनुरोध किया गया है कि यदि मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देता है, तो उनका भी पक्ष सुना जाए। हाईकोर्ट ने मथुरा के मंदिर-मस्जिद विवाद से संबंधित 18 मामलों की पोषणीयता के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। यह कैविएट अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर की गई, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्षकारों के खिलाफ कोई एकपक्षीय आदेश न दिया जाए।
1 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित 18 मामलों की पोषणीयता को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मस्जिद के धार्मिक चरित्र को निर्धारित करना आवश्यक है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की इस दलील को भी खारिज कर दिया था कि यह मुकदमे पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम का उल्लंघन करते हैं, और इसलिए सुनवाई योग्य नहीं हैं।
इस निर्णय के बाद से यह मामला उच्चतम न्यायालय में पहुंचा, जहां अब इसकी विस्तृत सुनवाई की जाएगी। कोर्ट के इस निर्णय का सभी पक्षों पर प्रभाव पड़ने की संभावना है, और इसे लेकर बड़ी कानूनी लड़ाई की तैयारी की जा रही है।