असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा इंडियन यूनियन ऑफ मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के प्रतिनिधियों का स्वागत करने पर आलोचना की है। आईयूएमएल का प्रतिनिधिमंडल, जिसमें सांसद ईटी मोहम्मद बशीर और विधायक मोहम्मद बशीर शामिल थे, ने रांची में सोरेन से मुलाकात की। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसे ‘शिष्टाचार मुलाकात’ करार दिया।
सरमा ने कहा, “आईयूएमएल, जिसकी स्थापना जिन्ना ने की थी, झारखंड के मुख्यमंत्री से क्यों मिली?” उन्होंने सोरेन की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह भाजपा नेताओं को उपेक्षित कर रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि झारखंड सरकार ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि वह भाजपा नेताओं को सांप्रदायिक तनाव भड़काने से रोकने की सलाह दे।
सरमा ने भाजपा की स्थिति को मजबूत बताते हुए कहा कि वे झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त हैं। वहीं, सोरेन ने बीजेपी की ‘परिवर्तन यात्राओं’ को लेकर चेतावनी दी कि दूसरे राज्यों के नेता झारखंड में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर सकते हैं, उन्हें ‘गिद्ध’ की तरह मंडराते हुए देखा जा सकता है।
इस मामले ने राजनीतिक चर्चाओं को एक नया मोड़ दिया है, जहां सवाल उठता है कि क्या राजनीतिक दलों को अपनी प्राथमिकताओं में सामंजस्य बैठाना चाहिए।