त्रिफला-एक अमृत
त्रिफला प्रमेह (वीर्य विकार), कफ, पित्त तथा कुष्ठ को ठीक करता है। यह दस्त लाकर पेट को साफ करने वाला होता है।
परिचय
हरड़, बहेड़ा तथा आंवला के चूर्ण को बराबर, 1:2:3 अनुपात और 1:2:4 अनुपात में मिलाकर त्रिफला का वर्णन आयुर्वेद में तीन प्रकार से मिलता जाता है। अलग अलग रोगनुसार प्रयोग किया जाता है
गुण
त्रिफला प्रमेह (वीर्य विकार), कफ, पित्त तथा कुष्ठ को ठीक करता है। यह दस्त लाकर पेट को साफ करने वाला होता है। आंखों के रोग को ठीक करने में यह लाभकारी होता है। यह भूख, रुचि को बढ़ाने वाला और विषम बुखार को नष्ट करने वाला होता है।
-: आंखों के रोग :-
》त्रिफला को शाम को पानी में डालकर भिगो दें। सुबह उठकर इसे छान लें तथा इससे आंखों धोएं इससे हर प्रकार की आंखों की बीमारियां ठीक हो जाती है।त्रिफला के चूर्ण को कुछ घंटे तक पानी में भिगोकर, छानकर उसका पानी पीने से भी गैस की शिकायत नहीं रहती हैं।
》त्रिफला के पानी से आंखों को धोने से आंखों के अंदर की सूजन दूर हो जाती है।
》लगभग 5 से 10 ग्राम महात्रिफला तथा मिश्री को घी में मिलाकर सेवन करने से आंखों का दर्द, आंखों का लाल होना या आंखों की सूजन आदि दूर होते है
》4 चम्मच त्रिफला का चूर्ण 1 गिलास पानी में मिलाकर अच्छी तरह से छान लें। इस पानी से आंखों पर छीटे मारकर दिन में 4 बार धोएं। इससे लाभ मिलता है और आंखों के रोग ठीक हो जाते हैं।
》त्रिफला के काढ़े की कुछ बूंदे आंखों में डालने से हर प्रकार के आंखों के रोग ठीक हो जाते हैं।
》.त्रिफला के पानी से रोजाना 2 से 3 बार आंखों को धोने से कनीनिका की जलन दूर होती है। आंखों के रोगों को ठीक करने के लिए 30 ग्राम त्रिफला चूर्ण को रात के समय में 100 मिलीलीटर पानी में मिलाकर रखें। सुबह इसे कपड़े से छानकर आंखों को धोएं।
10 ग्राम त्रिफला, 5-5 ग्राम सेंधानमक और फिटकरी और 100 ग्राम नीम के पत्ते इन सबको लेकर 300 मिलीलीटर पानी में उबालें तथा इसे कपड़े से छानकर आंखों को धोने से आंखों की सूजन ठीक हो जाती है।
निरोग हेल्थ केयर
“आरोग्य सेवक और मित्र “
मुकेश बाबू गुप्ता
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