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“आयुर्वेद और मौसम परिवर्तन “
मौसम में आये अचानक परिवर्तन से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोग क्षमता कमजोर हो जाती है,जिससे बहुत तरह की बीमारी हमको घेर लेती है I आयुर्वेद के अनुसार मानसून में जब बदलाव आता है तब हमारे शरीर का पित्त बहुत अधिक बढ़ जाता है और अग्नि तत्व जो हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है तथा चयापचय और भोजन को पचाने के लिए जिम्मेदार होता है I इस मौसम परिवर्तन के समय यह कमजोर हो जाता है l
ऐसे में हलके और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ ,पकी या भाप के द्वारा पकी सब्जियां ,कद्दू ,मौसम के फल (फाइबर युक्त ,विटामिन A ,K ,C आदि युक्त फल ) ,मूंग की दाल,खिचड़ी (खासकर रात को ताकि पेट हल्का रहे),काबुली चने का आटा और कच्चे सलाद खाना खाने से आधा घंटे पहले खाएं, I हमारा सात्विक आहार हमारी सेहत का ख्याल रखता है और हम जैसा खाते है वैसा दिखते है वैसी ही हमारी रोग प्रतिरोग क्षमता बढ़ती है l
आरोग्य सेवक और मित्र मुकेश बाबू गुप्ता ,निरोग हेल्थ केयर संपर्क करे -9560355455
Mukesh Babu Gupta J: NIROG HEALTH CARE