महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कुछ सीटों पर परिवारों और रिश्तेदारों के बीच दिलचस्प मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। 20 नवंबर को होने वाले चुनाव में कुछ प्रमुख सीटों पर पति-पत्नी, चाचा-भतीजा, और पिता-पुत्र जैसी दावेदारी की घटनाएं हैं। यह चुनावी माहौल वंशवाद की राजनीति को लेकर भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
पवार परिवार के भीतर ही एक हाई-प्रोफाइल मुकाबला हो रहा है, जहां शरद पवार की पार्टी एनसीपी के उम्मीदवार युगेंद्र पवार अपने चाचा और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ बारामती सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अजित पवार सात बार बारामती से विधायक रह चुके हैं और यह मुकाबला पवार खानदान के गढ़ में ही दिलचस्प होगा।
कर्जत-जामखेड़ सीट पर अजित पवार के भतीजे रोहित पवार भाजपा के राम शिंदे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। रोहित पवार, शरद पवार के पोते हैं और राकांपा (एनसीपी) उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
छत्रपति संभाजीनगर के कन्नड़ निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार हर्षवर्धन जाधव अपनी पत्नी संजना जाधव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। संजना जाधव शिवसेना की उम्मीदवार हैं और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे की बेटी हैं। यह सीट परिवार के भीतर चुनावी टक्कर का गवाह बनेगी।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे अमित देशमुख और धीरज देशमुख लातूर शहर और लातूर ग्रामीण सीटों से चुनावी मैदान में हैं। इसी तरह, भाजपा सांसद नारायण राणे के बेटे नितेश राणे और निलेश राणे क्रमशः कुडाल और कणकवली सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।
मुंबई में ठाकरे परिवार के सदस्य विभिन्न सीटों से चुनावी मुकाबले में हैं। आदित्य ठाकरे वर्ली से शिवसेना (उद्धव बालसाहेब ठाकरे) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनकी चचेरी बहन संजना जाधव वांद्रे (पूर्व) विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं।
गणेश नाइक भाजपा उम्मीदवार के तौर पर ऐरोली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके बेटे संदीप नाइक राकांपा उम्मीदवार के रूप में बेलापुर से मुकाबले में हैं। इस तरह, राज्य में कई महत्वपूर्ण सीटों पर पारिवारिक चुनावी संघर्ष देखने को मिलेगा।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में परिवारों और रिश्तेदारों के बीच चुनावी मुकाबले की यह स्थिति वंशवाद की राजनीति को एक नया मोड़ दे रही है। इन मुकाबलों के परिणाम राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण होंगे।