नेटफ्लिक्स सीरीज़ ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ को लेकर चल रहे विवाद में दो जीवित बचे लोगों ने अपनी राय साझा की है। यह विवाद काठमांडू से दिल्ली जाने वाली इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट के हाईजैक के दौरान आतंकवादियों के ‘हिंदू’ कोडनेम के इस्तेमाल को लेकर है। राकेश और पूजा कटारिया, जो नेपाल से अपने हनीमून से लौट रहे थे, उस दर्दनाक घटना के गवाह हैं।
राकेश कटारिया ने इंडिया टुडे टीवी से बातचीत में कहा कि उन्होंने शो देखने से इनकार कर दिया क्योंकि वह उस दर्दनाक घटना को फिर से नहीं जीना चाहते थे। उन्होंने कहा कि “नेटफ्लिक्स ने जो दिखाया है, वह सच है।” उन्होंने बताया कि अपहरणकर्ताओं के कोडनेम “भोला और शंकर” थे, जो उनके असली नाम नहीं थे बल्कि उपनाम थे।
पूजा कटारिया ने भी इस बात की पुष्टि की और कहा कि “भोला और शंकर” आतंकवादियों के लिए इस्तेमाल किए गए कोडनेम थे और यह कोई काल्पनिक बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सीरीज़ में दिखाया गया दृश्य बिल्कुल वही है जो उन्होंने 25 साल पहले झेला था।
इस विवाद का मुख्य मुद्दा आतंकवादियों के लिए हिंदू नामों का इस्तेमाल है, जिसके बारे में लोगों ने आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पांच आतंकवादियों की पहचान मुस्लिम नामों से की गई थी, लेकिन नेटफ्लिक्स सीरीज़ में उनके असली नामों के बजाय कोडनेम का इस्तेमाल किया गया। इस सीरीज़ के विवादास्पद पहलुओं पर स्पष्टीकरण के लिए नेटफ्लिक्स इंडिया की कंटेंट प्रमुख मोनिका शेरगिल को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बुलाया था।
इस घटना और नेटफ्लिक्स सीरीज़ ने एक बार फिर से कंधार हाईजैक की दर्दनाक यादों को ताजा कर दिया है, जिससे उस समय के पीड़ितों के जख्म फिर से हरे हो गए हैं।