‘आईआईटी बाबा’ के नाम से मशहूर अभय सिंह ने महाकुंभ मेले में जूना अखाड़े के 16 माडी आश्रम से बाहर निकाले जाने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। अभय सिंह, जो एक एयरोस्पेस इंजीनियर से आध्यात्मिक जीवन की ओर मुड़े हैं, ने कहा कि आश्रम के संचालकों ने उनके खिलाफ झूठी अफवाहें फैलाईं।
आईआईटी बाबा का बयान
बाबा अभय सिंह ने आरोप लगाया, “आश्रम के लोगों ने मुझे रातों-रात वहां से जाने को कहा। अब वे दावा कर रहे हैं कि मैं गुप्त ध्यान के लिए गया हूं, लेकिन सच्चाई यह है कि वे मेरी प्रसिद्धि से घबरा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि आश्रम के संत उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
माता-पिता ने की तलाश
रिपोर्टों के अनुसार, बाबा के माता-पिता उनकी खोज में 16 माडी आश्रम पहुंचे, लेकिन पता चला कि वह वहां से जा चुके थे। अभय सिंह ने स्पष्ट किया कि वह अभी भी महाकुंभ में मौजूद हैं और किसी अज्ञात स्थान पर नहीं गए हैं।
मानसिक स्वास्थ्य और ड्रग्स के आरोप
आश्रम के संतों ने आरोप लगाया कि मीडिया से लगातार बातचीत के कारण बाबा की मानसिक स्थिति पर असर पड़ा है। उन पर ड्रग्स लेने का भी आरोप लगाया गया। जूना अखाड़े ने इसे ध्यान में रखते हुए उन्हें आश्रम छोड़ने का सुझाव दिया।
आईआईटी बाबा की प्रतिक्रिया
अभय सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “मेरे मानसिक स्वास्थ्य का विश्लेषण करने वाले ये लोग कौन हैं? उन्हें प्रमाणपत्र देने के लिए मुझसे बेहतर जानना चाहिए।” उन्होंने जूना अखाड़े के संत सोमेश्वर पुरी के उस दावे को भी नकारा जिसमें उन्हें उनका गुरु बताया गया था।
आईआईटी बाबा ने महाकुंभ में अपनी मौजूदगी और आरोपों को लेकर सफाई दी है। उनका कहना है कि उनके खिलाफ फैलाए गए झूठे आरोप उनकी छवि खराब करने की कोशिश हैं। यह विवाद अब महाकुंभ के धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल में चर्चा का विषय बना हुआ है।