मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेटियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए लगातार कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। शारदीय नवरात्रि के अवसर पर मिशन शक्ति के तहत प्रदेश में कई जिलों में बेटियों को एक दिन के लिए डीएम, एसपी, सीडीओ और एसडीएम बनाया गया। इस पहल के तहत, बेटियों ने शिकायतों का त्वरित निस्तारण करते हुए प्रशासनिक कार्यों में हिस्सा लिया।
लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि अग्रिमा धवन को एक दिन के लिए डीएम बनाया गया। उन्होंने सब्जियों के दाम नियंत्रित करने और जनसुनवाई में शिकायतों का निस्तारण करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, जिले की सभी तहसीलों में बेटियों ने एसडीएम की सांकेतिक भूमिका निभाई।
जौनपुर के डीएम दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि इंटरमीडिएट की टॉपर **सजल गुप्ता को डीएम की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने 87 मामलों की सुनवाई की और 14 मामलों का निस्तारण किया।
महराजगंज में अर्पिता सिंह को एक दिन का डीएम और प्रतीक्षा सिंह को एसपी बनाया गया। बेटियों ने जनसुनवाई में आई समस्याओं का समाधान किया। डीएम निधि यादव ने जिलाधिकारी न्यायालय का दौरा कर मुआवजे से संबंधित मामलों का निस्तारण किया।
श्रावस्ती में कक्षा-12 की श्मि कसौधन को डीएम बनाया गया। उन्होंने डाक फाइलों पर हस्ताक्षर किए और जनता दर्शन में फरियादियों की समस्याओं को सुना।
झांसी और ललितपुर में भी बेटियों को डीएम और एसडीएम बनाकर जनसमस्याओं का निस्तारण कराया गया। ललितपुर की बेटियों ने 114 जनसमस्याओं की सुनवाई की और 27 का मौके पर निस्तारण किया।
सीएम योगी के मिशन शक्ति के तहत इस पहल से प्रदेश की बेटियों को आत्मविश्वास मिला और उन्होंने प्रशासनिक सेवा में भागीदारी सुनिश्चित करने का संकल्प लिया। इस तरह के कार्यक्रम महिलाओं के सशक्तिकरण और प्रशासनिक सेवाओं में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देते हैं।