बांग्लादेश में फैली अराजकता की स्थिति को लेकर भारत में भी मंथन का दौर जारी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हालात की जानकारी दी है। केंद्र सरकार ने शेख हसीना सरकार के नाटकीय पतन के बाद बांग्लादेश में विकास पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को जानकारी दी। मंत्रियों ने कहा कि अगर पड़ोसी देश में स्थिति बिगड़ती है तो सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। बांग्लादेश के हालात पर भारत की पैनी नजर है।
सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेताओं ने अपनी बात रखी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मौजूदा हालात की जानकारी तमाम नेताओं को दी। संसद भवन में यह बैठक समाप्त हुई। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया कि शेख हसीना का अगला कदम क्या होगा। वहीं दिल्ली में पुलिस का संख्या बल बढ़ा दिया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अभी कुछ समय तक शेख हसीना भारत में रह सकती हैं।
गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए।
बांग्लादेश में हिंसा के बीच भारत पहुंचीं शेख हसीना का मिलिट्री प्लेन हिंडन एयरबेस से बांग्लादेश लौट गया है। विमान में हसीना मौजूद नहीं थीं। दरअसल, प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना सोमवार (5 अगस्त) को भारत पहुंची थीं। वे फिनलैंड जा सकती हैं। पहले खबर आई थी कि शेख हसीना पहले दिल्ली आएंगी फिर यहां से वो लंदन जाएंगी। लेकिन अब खबर है कि शेख हसीना फिनलैंड जा सकती हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी और सभी दलों के सर्वसम्मत समर्थन के लिए उनकी सराहना की। एक्स पर पोस्ट में जयशंकर ने संसद भवन में हुई बैठक की तस्वीरें भी साझा कीं। विदेश मंत्री ने लिखा कि आज संसद में एक सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान जताए गए सर्वसम्मत समर्थन और तालमेल के लिए सभी दलों की सराहना करता हूं।
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने से वहां अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। हसीना सोमवार रात बांग्लादेशी वायुसेना के एक सी-130 जे सैन्य विमान से भारत पहुंचीं। बताया जा रहा है कि उनकी लंदन जाने की योजना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को इस मुद्दे पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की।