50% LikesVS
50% Dislikes
नई दिल्ली के हिंदी भवन में साहित्य सृजन कुटुबं संस्था के बैनर तले श्री नरेश शान्डिल्य की अध्यक्षता में आयोजित *दिल्ली दर्पण* (दोहा संकलन) के लोकार्पण कार्यक्रम तथा कवि सम्मेलन समारोह की सफलता के लिए सुश्री संतोष संप्रीति के साथ सुश्री सरिता गुप्ता एवं सुश्री पुष्पा शर्मा कुसुम के अतिरिक्त समारोह में सम्मिलित समस्त अतिथिगण और संकलन में सहभाग करने वाले समस्त दोहा मनीषियों का योगदान रहा।
संकलन में देश के कोने-कोने से 61 रचनाकारों ने अपनी सहभागिता दी और इस महायज्ञ को पूरा करने में अपना सहयोग दिया। इस पुस्तक की भूमिका प्रसिद्ध दोहा मर्मज्ञ वरिष्ठ कवि श्री नरेश शांडिल्य ने लिखी है जो आयोजन समारोह के अध्यक्ष भी थे। *दिल्ली दर्पण* का लोकार्पण बहुमुखी प्रतिभा की स्वामिनी श्रीमती बबीता श्रीवास्तव (सहायक निदेशक ,केंद्रीय हिंदी निदेशालय ) ने, दूरदर्शन पर प्रचलित कार्यक्रम ‘कवि हाजिर है’ के निर्माता निर्देशक जनाब सैयद इकबाल के मुख्य आतिथ्य में, हैदराबाद से विशेष रूप से पधारे श्री प्रदीप भट्ट, ट्रू मीडिया के संपादक श्री ओम प्रकाश प्रजापति और प्रबुद्ध छंद विशेषज्ञ कर्नल प्रवीण त्रिपाठी के सानिध्य में किया।

कार्यक्रम में देश भर से, मेरठ, मथुरा, भरतपुर, प्रयागराज, जयपुर, पटना, भोपाल, तेलंगाना, बिहार, बैंगलोर, से आए प्रख्यात साहित्यकारों की उपस्थिति रही। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से किया गया। सभी मंचासीन अतिथियों के साथ साथ, पुस्तक में अपनी रचनाओं के द्वारा सहभागी रहे दोहाकारों को भी अंग वस्त्र, आकर्षक प्रमाण पत्र भेंट किए गए और पुष्प माला से सम्मानित किया गया। मंचासीन अतिथियों ने अपने वक्तव्यों में *दोहा-दर्पण* की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि यह पुस्तक वास्तव में दिल्ली का दर्पण है। इसमें ऐसे ऐसे विषयों को कलमकारों ने छुआ है जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती । सड़क पर जाम, बारिश में पानी भरना,
नई सड़क ,संसद ,लाल किला , यातायात व्यवस्था , अनेक ऐसे सामान्य विषयों को विशेष जामा पहनाया गया है जिसे पढ़कर पाठक भावविभोर हुए बिना नहीं रह सकता। किसी भी भाव को छंद में बांधना बहुत बड़ी चुनौती है लेकिन रचनाकारों ने दिल्ली की हर छोटी से छोटी बात को दोहे में बांधा है, और चयन समिति के द्वारा उन्हें पूरी पुष्टि के बाद ही पुस्तक में शामिल किया गया है।
श्री नरेश शांडिल्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि दोहे की विधा पर यह पुस्तक 90 से 95% तक बहुत ही सराहनीय पुस्तक है। *दिल्ली दर्पण* पुस्तक को पुस्तकालय और वाचनालय में सम्मिलित कराने का प्रयास होना चाहिए
ताकि बच्चे दिल्ली के दर्शनीय स्थलों के बारे में, मौसम के बारे में, जीवन शैली के बारे में, और पहनावे के बारे में कम शब्दों में जान सकें।

कार्यक्रम में प्रसिद्ध शायरा तूलिका सेठ, तरुणा पुंडीर, हरियाणवी कवि सुनील शर्मा,शकुंतला मित्तल, सविता स्याल, शारदा मित्तल, अमरनाथ गिरि, आचार्य अनमोल, डॉ रवि शर्मा मधुप, हास्य कवि सुनहरी लाल तुरंत, उस्ताद शायर शैदा अमरोही , गाजियाबाद से नवोदित कवयित्री मुस्कान शर्मा, युवा कवि पुनीत पांचाल, शायर अमित कैथवारी, ग़ज़लकार वाजिद मेरठी, पुनीता सिंह, हंसराज सिंह हंस, कमल पुण्डीर, प्रदीप मिश्र “अजनबी”, आदि देश के जाने माने कवियों की उपस्थिति और काव्य पाठ ने सभी को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम की सफलता के लिए पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई। कार्यक्रम के संचालन में युवा कवि ज्ञानेंद्र शुक्ल वत्सल ने बखूबी मुख्य भूमिका निभाते हुए कार्यक्रम को ऊँचाइयों तक पहुँचाया।