प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में भारत की फिनटेक क्रांति की उपलब्धियों को उजागर किया और वित्तीय समावेशन तथा नवाचार को बढ़ावा देने में फिनटेक क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र ने लाखों लोगों के लिए वित्तीय सेवाओं को सुलभ बनाया है और आर्थिक विकास को गति दी है। उन्होंने उत्सव के माहौल में फिनटेक के योगदान की सराहना की और इसे भारत की आर्थिक समृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत में त्योहारों का मौसम चल रहा है, जिसमें हाल ही में जन्माष्टमी का उत्सव मनाया गया है। उन्होंने कहा कि मुंबई में इस ग्लोबल फिनटेक फेस्ट के दौरान उत्सव का मूड और भी बढ़ गया है।
प्रधानमंत्री ने जन धन, आधार और मोबाइल की तिकड़ी को फिनटेक क्रांति के लिए एक महत्वपूर्ण कारक बताया। उन्होंने कहा कि कभी नकद को ही प्रमुख माना जाता था, लेकिन आज दुनिया का आधा डिजिटल लेनदेन भारत में हो रहा है। भारत का UPI अब फिनटेक के लिए एक प्रमुख उदाहरण बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना संकट के दौरान भी भारत की बैंकिंग सेवाएं सुचारू रूप से चलती रही हैं।
मोदी ने फिनटेक क्षेत्र के नियामकों से साइबर धोखाधड़ी को रोकने और डिजिटल समझ बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की अपेक्षाएं जताईं। उन्होंने कहा कि भारत ने केवल एक दशक में उल्लेखनीय परिवर्तन देखा है। ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर लगभग 94 करोड़ हो गई है, और 18 वर्ष से ऊपर के अधिकांश भारतीयों के पास आधार कार्ड है।
प्रधानमंत्री ने जन धन खातों की संख्या और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत वितरित ऋणों की जानकारी साझा की। उन्होंने फिनटेक क्षेत्र की मदद से वित्तीय सेवाओं को लोकतांत्रिक बनाने, ऋण तक पहुंच को आसान बनाने और गांवों और शहरों के बीच की खाई को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने नीतिगत स्तर पर फिनटेक क्षेत्र के समर्थन के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें ‘एंजल टैक्स’ को समाप्त करना शामिल है।