सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट ‘भारत में महिला और पुरुष 2023’ के अनुसार, 2036 तक भारत की जनसंख्या 152.2 करोड़ होने का अनुमान है। फरवरी 2011 की राष्ट्रीय जनगणना में देश की जनसंख्या 121.08 करोड़ दर्ज की गई थी। केंद्र सरकार ने इस रिपोर्ट को भारत में पुरुषों और महिलाओं की स्थिति का समग्र दृष्टिकोण पेश करने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बताया है, जो विभिन्न विषयों पर डेटा प्रदान करता है और लिंग असमानताओं को समझने में मदद करता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2036 तक महिलाओं की जनसंख्या 48.8% होगी, जबकि 2011 में यह 48.5% थी। लिंग अनुपात में भी वृद्धि की संभावना है, जो 943 महिलाओं (प्रति 1000 पुरुषों) से बढ़कर 952 तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, 15 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों की संख्या में कमी आने की संभावना है, जिसका मुख्य कारण प्रजनन क्षमता में कमी हो सकता है। इसके विपरीत, 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वालों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है।
संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में कहा था कि चीन अपने लंबे समय से कायम दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश का दर्जा जल्द ही खो देगा। अप्रैल में, संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया था कि भारत की जनसंख्या इस महीने के अंत तक 1,425,775,850 तक पहुंच सकती है, जो चीन की जनसंख्या से मेल खाएगी और उसे पार कर जाएगी।
पिछले महीने, संयुक्त राष्ट्र ने अपनी ‘द वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2024’ रिपोर्ट में भविष्यवाणी की थी कि भारत की जनसंख्या 2060 के दशक की शुरुआत तक लगभग 1.7 बिलियन (170 करोड़) तक पहुंच जाएगी, और फिर 12% की गिरावट आएगी, लेकिन पूरी सदी के लिए भारत सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा।