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नई दिल्ली,न्यूज़ डेस्क (नेशनल थॉटस): वैशाली जिला के वैशाली प्रखंड के अंतर्गत स्थित बुद्धा वर्ल्ड स्कूल के सभागार में आम्रपाली कला साहित्य सम्मेलन एवं मानवाधिकार टुडे के संयुक्त तत्वावधान में वैशाली स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय परिचर्चा सह समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री निखिल कुमार ने कहा कि जीवन में प्रगति पथ पर अग्रसर होने के लिए पूरे संयम और समर्पण से निरंतर परिश्रम करते रहना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि वैशाली की धरती शांति व अहिंसा की धरती है। हमें हमेशा शांति के मार्ग पर चलना चाहिए।
नागालैंड के पूर्व राज्यपाल ने किया समारोह का उद्घाटन :
इस समारोह का उद्घाटन नागालैंड के पूर्व राज्यपाल श्री निखिल कुमार, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ, अंतरराष्ट्रीय लोक संस्कृति संवाहिका, मॉरीशस की डॉ सरिता बुद्धू, पद्मश्री राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची, प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ जितेंद्र कुमार और आम्रपाली कला साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष एवं मानवाधिकार टुडे के संपादक डॉ शशि भूषण कुमार,उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार एवं श्री कृष्ण कुमार ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से किया।विषय प्रवेश डॉ राम नरेश राय,मंच संचालन कौसर परवेज एवं धन्यवाद डॉ शिवबालक राय प्रभाकर ने किया।
लोकतंत्र और मानवाधिकार एक दूसरे के पूरक है :
समारोह के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ ने अपने संबोधन में कहा कि लोकतंत्र और मानवाधिकार एक दूसरे के पूरक है। मानवाधिकार का संरक्षण कर ही लोकतंत्र को सशक्त किया जा सकता है। समारोह में प्रमुख वक्ता के रूप में आमंत्रित मगध महिला महाविद्यालय, पटना के पूर्व प्राचार्य प्रो. जयश्री मिश्र ने वैशाली के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वैशाली की धरती सत्य और अहिंसा की धरती है।
यह महात्मा बुद्ध की कर्म भूमि, वर्धमान महावीर की जन्म भूमि और आम्रपाली की रंगभूमि है। दिल्ली विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के प्रो. डॉ. अनिरुद्ध सुधांशु ने अपने विचारों को अवगत कराते हुए कहा कि वैशाली लोकतंत्र की जननी है।
संपूर्ण विश्व को शांति और मानवता का संदेश दिया है :
इसने संपूर्ण विश्व को लोकतंत्र और उसके आयामों से अवगत कराया है। उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों के विकास के लिए मानवाधिकार संरक्षण को आवश्यक बताया । समारोह की मुख्य अतिथि डॉ. सरिता बुद्धू ने लोक संस्कृति के विकास पर बल देते हुए कहा कि वैशाली की भूमि ने संपूर्ण विश्व को शांति और मानवता का संदेश दिया है। हमें अपने सभ्यता व संस्कृति से हमेशा जुड़े होने के साथ-साथ उस पर गर्व भी करना चाहिए। डॉ शशि भूषण कुमार ने कहा कि मानवाधिकार का विचार मानवीय सभ्यता जितना पुराना है। वैशाली की भूमि ने हमेशा ही संपूर्ण विश्व को सच्चाई, न्याय, समानता, स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों का संदेश दिया है।
प्रजातंत्र की धरती के निवासी है और मानवता की सेवा के लिए हमेशा समर्पित है :
पटना विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.शंकर प्रसाद ने कहा कि मानवाधिकार की समस्याओं को हल किया जाना नितांत आवश्यक है क्योंकि यह समावेशी लोकतंत्र की स्थापना में सहायक है। समारोह की विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ. शांति राय ने अपने विचारों को प्रकट करते हुए कहा कि जीवन में प्रगति के लिए धैर्य और कड़ी मेहनत आवश्यक है और हम सभी वैशाली की धरती से इसे सीख सकते है। समारोह की विशिष्ट अतिथि पद्मश्री राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची ने अपने संबोधन में कहा कि हम प्रजातंत्र की धरती के निवासी है और मानवता की सेवा के लिए हमेशा समर्पित रहते है।
हमें अपनी संस्कृति पर गर्व है :
प्रसिद्ध समाजसेवी अमित कुमार सिंह ने कहा कि बुद्ध और महावीर ने संपूर्ण विश्व को मानवता का संदेश दिया है। हमें अपनी संस्कृति पर गर्व है। परफेक्शन आई ए एस पटना के संस्थापक प्रो. सुनील कुमार ने विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक विकास पर बल देते हुए कहा कि वैशाली जिले ने अपनी स्थापना के बाद से ही अनेकों उतार-चढ़ाव देखा है, लेकिन इन सबों के बावजूद यह निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है।दिल्ली विश्वविद्यालय से आये हुए डॉ अनिरुद्ध सुधांशु एवं प्रो० अनिल कुमार ने भी वैशाली के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला।
एक बेहतर इंसान बनने के लिए जीवन में लोकतांत्रिक व्यक्तित्व का होना नितांत आवश्यक है :
समारोह में सरस्वती मिश्रा, राजन कुमार, कुंदन कृष्णा, नीतू नवगीत और स्वर्णिम कला केंद्र, मुजफ्फरपुर के कलाकारों के साथ -साथ बुद्धा वर्ल्ड स्कूल, वैशाली और टैगोर किड्स एंड हाई स्कूल, हाजीपुर के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। श्री कृष्ण कुमार ने कहा कि एक बेहतर इंसान बनने के लिए जीवन में लोकतांत्रिक व्यक्तित्व का होना नितांत आवश्यक है और वैशाली के इतिहास से इसे अपने अनुशासन में शामिल किया जा सकता है।
समारोह में विशिष्ट प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय वैशाली सर्व श्री रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया :
इस अवसर पर वैशाली की धरती के इस मंच से दिलीप कुमार जी द्वारा लिखित पुस्तक अप्प दीपो भव एवं डॉ शशि भूषण कुमार और श्री अमित कुमार विश्वास द्वारा लिखित पुस्तक ‘मानवाधिकार : एक परिचय’ का कवर का विमोचन किया गया।साथ ही मानवाधिकार टुडे का वर्षीय कैलेंडर एवं पत्रिका जनवरी 2023 अंक का भी लोकार्पण किया गया। समारोह में विशिष्ट प्रतिभाओं को जे. सी. माथुर अंतर्राष्ट्रीय सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय वैशाली सर्व श्री रत्न सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय वैशाली श्री रत्न सम्मान, वैशाली गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ ही समारोह में भाग लेने वाले सभी लोगों को अंतर्राष्ट्रीय समागम सहभागिता सम्मान से सम्मानित किया गया।
समारोह में हुई अन्य गतिविधियों की रूपरेखा :
समारोह में मंच संचालन कौशल प्रवेज ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शिव बालक राय प्रभाकर ने किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि बिहार होम्योपैथिक चिकित्सा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार,समाजसेवी अमित कुमार, पत्रकार अमरनाथ कुमार, डॉ राम नरेश राय, गायक कुंदन कृष्णा, पत्रकार पुरुषोत्तम कुमार, के. एम. मिश्रा, प्रिंस गुप्ता, दीपक कुमार साह, राहुल राजपूत, दिव्या , डॉ राजा राम चौरसिया, श्री संजय कुमार , निहाल कुमार, डॉ. आनंद मोहन झा, अनुपम कुमार, बुद्धा वर्ल्ड और टैगोर किड्स एंड हाई स्कूल के सभी शिक्षकगण व विद्यार्थी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित हुए। इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पी.जी.डी. ए. वी. के प्रोफेसर डॉ मनोज कुमार सिन्हा को भी वैशाली गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।