लेबनान में हमले बंद करने के बाद, अब इजराइली सेना ने सीरिया को अपना निशाना बना लिया है। इजराइल ने दावा किया है कि उसने सीरिया में हवाई हमलों के माध्यम से बड़े पैमाने पर हथियारों के भंडार को नष्ट कर दिया है। इस ऑपरेशन के तहत इजराइली रक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि यह हमला उनकी वायु सेना की ताकत को दिखाता है, और यह साबित करता है कि इजराइल सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे को पहले ही खत्म करने में विश्वास रखता है।
सीरिया के सैन्य ढांचे को नष्ट करने की कोशिश
सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद, इजराइली जेट विमानों ने 350 से अधिक सैन्य ठिकानों पर हमले किए। इनमें विमान भेदी बैटरियों, सैन्य हवाई क्षेत्रों, हथियार उत्पादन स्थलों, लड़ाकू विमानों और मिसाइलों के अलावा अल-बायदा और लाताकिया बंदरगाहों पर स्थित सीरियाई नौसैनिक केंद्रों पर भी हमले किए गए।
इजराइली अधिकारियों का कहना है कि इन हमलों का उद्देश्य सीरिया में रणनीतिक हथियारों और सैन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था, ताकि विद्रोही समूहों को उनका उपयोग करने से रोका जा सके। इन समूहों में अल कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े संगठन शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू की प्रतिक्रिया
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनका इरादा सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का नहीं है, लेकिन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें जो भी कदम उठाना होगा, वह उठाएंगे। नेतन्याहू ने कहा, “हम सीरिया में नए शासन के साथ संबंध चाहते हैं, लेकिन अगर ईरान से सीरिया के माध्यम से हिजबुल्लाह को हथियार दिए गए या अगर इजराइल पर हमला किया गया तो हम कड़ी प्रतिक्रिया देंगे।”
सीरिया में रणनीतिक हमलों का असर
सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि इजरायली सैनिकों ने सीरिया के विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं को नष्ट कर दिया है। इनमें स्कड और क्रूज मिसाइलों के साथ-साथ समुद्र से समुद्र में मार करने वाली मिसाइलें, ड्रोन, और सैन्य हेलीकॉप्टर शामिल हैं। सीरिया के विभिन्न शहरों जैसे दमिश्क, होम्स, और लाताकिया में स्थित सैन्य ठिकानों को भी इस हमले से नुकसान हुआ है।
इजराइल ने ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के खिलाफ लड़ाई के बाद सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीरिया पर निगरानी रखना जारी रखा है।