साल 2024 में जब से लोकसभा चुनावों के लिए जम्मू-कश्मीर में मतदान हुए हैं और वहां के लोगों ने मतदान प्रक्रिया में दिलखोल कर भाग लिया है, तब से आतंकियों के होश उड़ गए हैं। आतंकियों का एक समय में गढ़ माना जाने वाला कश्मीर अब आतंक के विरोध में है, लेकिन यह बात आतंकवादियों और पड़ोसी देश को पच नहीं रही है। वे बौखला गए हैं। पिछले काफी समय से आतंकवादी कश्मीर में काफी सक्रिय होकर भारतीय सेना के जवानों को टारगेट कर रहे हैं। हाल ही में लगातार हुई मुठभेड़ों में भारत ने अपने कई वीरों को खो दिया है।
सेना की व्हाइट नाइट कोर ने एक्स पर एक बयान में कहा कि गोलीबारी सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात को हुई और जवाबी कार्रवाई अभी जारी है। ताजा मुठभेड़ पुंछ जिले के बट्टल सेक्टर में हुई।
सैन्य इकाई ने ट्वीट किया, “सतर्क सैनिकों ने सुबह तीन बजे बट्टल सेक्टर में घुसपैठ कर रहे आतंकवादियों पर प्रभावी गोलीबारी करके घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी। भारी गोलीबारी के दौरान एक बहादुर जवान घायल हो गया। अभियान जारी है।”
सोमवार की सुबह जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सेना की एक चौकी और एक विलेज डिफेंस ग्रुप (वीडीजी) के घर पर हुए दोहरे आतंकी हमलों को सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया, जिसमें एक जवान और एक नागरिक घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि पूरे दिन आतंकवादियों के साथ रुक-रुक कर हुई गोलीबारी के बाद सेना, पुलिस, सीआरपीएफ और वीडीजी की संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी कर दी है।
आतंकी हमले: सुबह करीब 4 बजे आतंकवादियों ने क्षेत्र में नई स्थापित सेना चौकी पर हमला किया, जिससे फिर से गोलीबारी शुरू हो गई। घायल सैनिक और नागरिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मुठभेड़: कथित तौर पर एक आतंकवादी मारा गया है, लेकिन शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है। 19 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
राजौरी में हमला: सोमवार को राजौरी में हुआ हमला जम्मू क्षेत्र में 14वां आतंकी हमला था। इन हमलों में 10 सुरक्षाकर्मी और नौ तीर्थयात्री मारे गए हैं, जबकि 58 घायल हुए हैं। सुरक्षा बलों ने पांच आतंकवादियों को मार गिराया।
जम्मू-कश्मीर में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, लेकिन भारतीय सेना और सुरक्षा बल सतर्क हैं और आतंकवादियों की हर कोशिश को नाकाम कर रहे हैं।