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Karwa Chauth 2023: 01 नवंबर को करवा चौथ, जानिए इस व्रत की महत्वपूर्ण जानकारी और चांद निकलने का सही समय

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नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) – करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी व्रत इस बार 01 नवंबर को मनाया जाएगा, जब सर्वार्थ सिद्धि और शिव योग का महत्वपूर्ण मोमेंट होगा। इस दिन, सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं और इस दिन पूजा-अर्चना करती हैं, जैसे कि विधिनुसार आवश्यक है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का त्योहार मनाने का बड़ा उत्साह होता है।

करवा चौथ पर पति के लिए व्रत का प्राचीन परंपरा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, पति की दीर्घायु के लिए व्रत का परंपरागत महत्व है, जो सतयुग से चला आ रहा है। इस परित्याग का आरंभ सावित्री के पतिव्रता धर्म से हुआ था। जब यमराज आए थे, तो सावित्री ने अपने पति को ले जाने से रोका और अपने सशक्त प्रतिज्ञा से अपने पति को वापस पाया। इसके बाद, पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखने की परंपरा शुरू हुई।

 

एक और कथा है, जो पांडवों की पत्नी द्रौपदी के संबंध में है। जब अर्जुन तपस्या करने नीलगिरि पर्वत पर चले गए थे, तो द्रौपदी ने भगवान कृष्ण से अपने पति की रक्षा के लिए मदद मांगी और उन्होंने उसे माता पार्वती और भगवान शिव के लिए व्रत रखने की सलाह दी। द्रौपदी ने वैसा ही किया और कुछ ही समय बाद अर्जुन सुरक्षित वापस लौटे।

करवा चौथ पर चंद्रमा की खास पूजा
करवा चौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से शुरू होता है और शाम को चंद्रोदय तक चलता है। इस त्योहार में चंद्रमा का विशेष महत्व है, क्योंकि महिलाएं दिनभर निर्जला उपवास करती हैं और उपवास केवल चंद्रोदय के बाद ही तोड़ती हैं। इस दिन, चतुर्थी माता और गणेश जी की पूजा भी की जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि चंद्रमा की पूजा करवा चौथ के दिन भाग्य, पुत्र, धन-धान्य, पति की सुरक्षा और संकटों से मुक्ति के लिए फलप्रद होती है।

 
 करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा का एक अन्य कारण यह है कि चंद्रमा औषधियों और मन के अधिपति देवता है, उसकी अमृत वर्षा करने वाली किरणें वनस्पतियों और मनुष्य के मन पर सर्वाधिक प्रभाव डालती हैं। दिन भर उपवास के बाद चतुर्थी के चंद्रमा को छलनी की ओट में से जब नारियां देखती हैं,तो उनके मन पर पति के प्रति अनन्य अनुराग का भाव उत्पन्न होता है,उनके मुख व शरीर पर एक विशेष कांति आ जाती है। इससे महिलाओं का यौवन अक्षय,स्वास्थ्य उत्तम और दांपत्य जीवन सुखद हो जाता है।
 
करवाचौथ तिथि 2023
इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत मंगलवार 31 अक्टूबर को रात 9 :30 बजे से हो रही है। यह तिथि अगले दिन नवंबर को रात 9 :19 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि और चंद्रोदय के समय को देखते हुए करवा चौथ का व्रत बुधवार 01 नवंबर को रखा जाएगा।
करवा चौथ पर चंद्र दर्शन का समय
पौराणिक मान्यता के अनुसार करवा चौथ का चन्द्र दर्शन मनोवांछित फल प्रदान करता है। करवा चौथ की रात्रि 8 :15  बजे चंद्रोदय होगा।

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