केजरीवाल ने किया बड़ा ऐलान, दिल्ली में अकेले लड़ेगी विधानसभा चुनाव
आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनकी पार्टी दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। यह घोषणा विपक्षी इंडिया गुट के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर तब जब अगले साल के शुरुआत में दिल्ली विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
दिल्ली में गठबंधन की संभावना खत्म
अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह साफ किया कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। इस घोषणा से पहले, कई हाई-प्रोफाइल दलबदल हो चुके हैं, जिसमें कांग्रेस और भाजपा के कई नेता आप में शामिल हो गए थे।
भा.ज.पा. का तीखा जवाब
भा.ज.पा. सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अब कोई भी केजरीवाल की बात पर विश्वास नहीं करता। उन्होंने कहा, “जो व्यक्ति अपने बच्चों की झूठी कसम खा कर तोड़ सकता है, उस पर दिल्ली का विश्वास नहीं रहा।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “ये लोग आपस में मोलभाव कर रहे हैं और एक-दूसरे को धमकी देकर डराएंगे।”
कांग्रेस से गठबंधन की संभावना
मनोज तिवारी ने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल बिना कांग्रेस से समझौता किए दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ सकते। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “जैसे इन दोनों ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था और हम उन्हें हराने में सफल रहे, वैसे ही दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी हम उन्हें हराएंगे।”
इंडिया गुट में संभावित दरार
आप और कांग्रेस, दोनों ही विपक्षी इंडिया गुट का हिस्सा हैं। हालांकि, केजरीवाल की यह घोषणा एकता में दरार का संकेत दे रही है। इंडिया ब्लॉक की 26 विपक्षी पार्टियाँ दिल्ली में भाजपा विरोधी वोटों को मजबूती से एकजुट करने की उम्मीद कर रही थीं, लेकिन केजरीवाल की घोषणा ने उन उम्मीदों को झटका दिया है।
आप का गठबंधन विरोधी रुख
यह पहली बार नहीं है जब आप ने किसी गठबंधन पर अपना विरोध व्यक्त किया है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, केजरीवाल ने पंजाब में कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया था और घोषणा की थी कि उनकी पार्टी सभी 13 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।