नई दिल्ली, सांसद मनोज तिवारी एवं रमेश बिधूड़ी ने आज एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीपीएसी (पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट) के माध्यम से बिजली बिल में बढ़ोतरी को लेकर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा यह मांग करती है कि अगर अरविंद केजरीवाल इस बढ़े हुए अतिरिक्त शुल्क को वापस नहीं लेती तो हम दिल्ली में इस लड़ाई को लेकर सड़कों पर भी जायेंगे। प्रदेश प्रवक्ता श्री हरीश खुराना भी उपस्थित थे।
श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता पर केजरीवाल सरकार ने एक और बोझ डाल दिया है और जो सरकार कहा करती थी कि हमने बिजली बिल माफ कर दिया है, वह आज बिजली के बोझ तले दिल्ली वालों को दबा रही है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल एक शातिर मुख्यमंत्री हैं दरें बढ़ाकर उन्हें झूठ क्या बोलना इसकी भी मंथन वे अपने मंत्रियों के साथ कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा इसका विरोध करती है और इस बढ़े हुए बिजली शुल्क को वापस लीजिए और साल 2022 में जो बढ़े हुए शुल्क से पैसे आए वह कहां गए।
श्री तिवारी ने कहा कि पीपीएसी जो हर बिजली उपभोक्ता को देना पड़ता है, दिल्ली में पहले यह 22 फीसदी था और अब 29 फीसदी कर दिया गया और जब इस पर सवाल किया गया तो आम आदमी पार्टी के मुखिया कह रहे हैं कि सर्दी में बिजली खपत थोड़ी कम हो जाती है जबकि गर्मी में बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि हमारा सवाल है कि जून 2022 में 16 फीसदी से जब 22 फीसदी पीपीएसी किया गया था तो क्या ठंड दिल्ली में आई ही नहीं, क्योंकि उसके बाद से बढ़ी हुई दर कम क्यों नहीं हुई। ये तो दिल्लीवालों के साथ सीधा धोखा हुआ। 2022 में पीपीएसी गर्मी में बढ़ा तो ठंड में घटाया क्यों नहीं और अब फिर उसे फिर बढ़ा दिया और यह कुल राशि चार हज़ार करोड़ है जिसे अरविंद केजरीवाल से वसूले जाएंगे।
श्री रमेश बिधूड़ी ने संवाददाता सम्मेलन में कुछ बिजली के बिल दिखाए जिसमें केजरीवाल सरकार की ओर से बिजली चोरी के बिल माफ किए गए थे और यह सारे बिजली बिल एक विशेष वर्ग के थे जो केजरीवाल के तुष्टिकरण की राजनीति के पोल खोल रही थी। बिजली चोरी के बिल बटला और जामिया इलाके के क्यों कम किये जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि अम्बानी के खिलाफ जांच की बात करने वाले केजरीवाल बताए कि आखिर उन्होंने 9 सालों तक उनके कार्यों का ऑडिट क्यों नहीं करवाया। यही नहीं फिक्स्ड चार्ज के नाम पर 16,033 करोड़ से ज्यादा जो वसूले वो कहाँ है। 26 हज़ार करोड़ जो सब्सिडी के नाम पर नीजि कंपनियों को दिया उसका हिसाब कहां है। कुल 75,000 करोड़ रुपये का हिसाब केजरीवाल दिल्लीवासियों को क्यों नहीं दी।
श्री बिधूड़ी ने कहा कि 2012 से लेकर 2022 तक 43 लाख से 65 लाख हो गए और 84% बिजली केंद्र से आती है। 2016 में केजरीवाल ने सोलर पर कानून लाने की बात कही थी और साथ ही कहा था कि 8 साल में 2200 मेगावाट बिजली उत्पादन का दावा किया आज 2023 आ गया लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।