केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने समाज सुधारक और आध्यात्मिक नेता श्री नारायण गुरु को सनातन धर्म के समर्थक के रूप में चित्रित करने के संगठित प्रयासों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि श्री नारायण गुरु सनातन धर्म के वकील नहीं थे, बल्कि एक महान ऋषि थे जिन्होंने इसे पार किया और नए युग के धर्म की शुरुआत की।
विजयन का दावा: गुरु ने वर्णाश्रम धर्म को चुनौती दी
विजयन ने मंगलवार को वर्कला में 92वें शिवगिरी तीर्थयात्रा के उद्घाटन के दौरान कहा, “श्री नारायण गुरु को सनातन धर्म के वकील और प्रस्तावक के रूप में चित्रित करने का एक संगठित प्रयास चल रहा है। हालांकि, गुरु सनातन धर्म के समर्थक नहीं थे।” उन्होंने आगे कहा कि गुरु ने वर्णाश्रम धर्म को चुनौती दी और एक नया, समकालीन और मानवतावादी धर्म स्थापित किया जो आज के समाज की जरूरतों के अनुरूप था।
बीजेपी का पलटवार: विजयन की मानसिकता पर सवाल
इस विवादित बयान पर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “नया साल शुरू हो गया है लेकिन उनकी मानसिकता सनातन का अपमान करने की ही है।” पूनावाला ने इसे हाल ही में दिए गए बयानों की लंबी श्रृंखला का हिस्सा बताया और आरोप लगाया कि वामपंथी हिंदू आस्था और सनातन धर्म का अपमान कर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या विजयन किसी अन्य धर्म के खिलाफ ऐसा बयान देने की हिम्मत दिखाएंगे?
यह बयान मणिपुर और अन्य जगहों पर चल रहे धार्मिक विवादों के बीच उभरे और राजनीतिक स्तर पर नई बहस का कारण बने।