कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस के साथ किसी भी वित्तीय या राजनीतिक संबंध से इनकार किया है। 15 साल पुराने ट्वीट पर उठे विवाद को लेकर उन्होंने इसे “बेतुका” और “अस्वस्थ जिज्ञासा” का परिणाम बताया। थरूर ने स्पष्ट किया कि सोरोस के साथ उनका संबंध केवल सामाजिक था।
15 साल पुराने ट्वीट पर विवाद
2009 के ट्वीट में थरूर ने सोरोस को “मित्र” कहा था और उनकी प्रशंसा की थी।
ट्वीट हाल ही में वायरल होने पर सवाल उठने लगे।
थरूर ने कहा, “मैंने कभी सोरोस से व्यक्तिगत लाभ के लिए एक पैसा नहीं मांगा या लिया।”
भाजपा-कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप
भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह सोरोस के साथ मिलकर भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश कर रही है।
भाजपा ने कहा, “कांग्रेस को सोरोस का वित्तीय समर्थन मिल रहा है।”
कांग्रेस ने इसे “अडानी विवाद से ध्यान भटकाने की चाल” बताया।
सोरोस के साथ अंतिम मुलाकात का जिक्र
थरूर ने बताया कि उन्होंने सोरोस से आखिरी बार हरदीप सिंह पुरी द्वारा आयोजित एक रात्रिभोज में मुलाकात की थी, जो उस समय भारत के संयुक्त राष्ट्र राजदूत थे।
उन्होंने कहा, “तब से सोरोस से कोई संपर्क नहीं हुआ।”
थरूर का ट्रोल्स पर पलटवार
थरूर ने 15 साल पुराने ट्वीट को सनसनीखेज बनाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा:
यह ट्रोल फैक्ट्री का काम है।”
“मुझे उम्मीद है कि मेरा बयान बेकार आरोपों का जवाब देगा।”
सोरोस पर विवाद और राजनीतिक माहौल
पिछले हफ्ते भाजपा ने संसद में सोरोस का मुद्दा उठाया और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए।
सोरोस ने पीएम मोदी सरकार की आलोचना की थी, जिससे भाजपा पहले ही नाराज थी।
इस मुद्दे पर दोनों दलों के बीच तीखी बहस ने संसद की कार्यवाही बाधित कर दी।
शशि थरूर ने जॉर्ज सोरोस के साथ किसी भी वित्तीय संबंध से इनकार करते हुए स्पष्ट किया कि उनका रिश्ता सिर्फ सामाजिक था। भाजपा और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप ने राजनीतिक गर्मी को बढ़ा दिया है। वहीं, कांग्रेस ने इसे ध्यान भटकाने की साजिश बताया।