केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में संसद पुस्तकालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि देश में तीनों नए आपराधिक कानून आज यानी एक जुलाई से लागू हो गए हैं। गृह मंत्री ने कहा, “देश की जनता को मैं बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं कि आजादी के 77 साल बाद आपराधिक न्याय प्रणाली (Criminal Justice System) पूर्णतया स्वदेशी हो रही है और भारतीय Ethos के आधार पर चलेगी। 75 साल बाद इन कानूनों पर विचार हुआ। ये कानून जब आज से हर थाने में अपना काम करना चालू करेंगे तब अंग्रेजों के बनाए हुए कानून निरस्त होंगे और भारत की संसद में बनाए गए कानून आएंगे।”
अमित शाह ने कहा कि दंड की जगह न्याय लेगा, देरी की जगह स्पीडी ट्रायल और स्पीडी जस्टिस मिलेगा। पहले सिर्फ पुलिस के अधिकारों की रक्षा की जाती थी, अब पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा होगी। इस नए नजरिए के साथ ये तीनों कानून देश में लागू हुए हैं। कानून के अंदर हमने व्याख्या के तौर पर समाहित किया है, जिससे आने वाले समय में भी अनुसंधान व्याख्यायित किए जाएंगे। ये विश्व की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बनेगी, इसका मुझे विश्वास है। कंप्यूटराइजेशन की प्रक्रिया पूरी हो गई है और 99.9 प्रतिशत थाने कंप्यूटराइज्ड हो चुके हैं।
अमित शाह ने कहा कि पहले पुलिस किसी को ले जाती थी और परिवार वालों को कोर्ट में आना पड़ता था। अब हमने यह जरूरी किया है कि हर थाने में रजिस्टर होगा और ई-रजिस्टर भी होगा कि कौन सा अपराधी पुलिस की कस्टडी में है। 90 दिन में जांच का रिपोर्ट देने से बहुत बड़ा फायदा होगा।