**केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक सख्त पत्र लिखा है, जिसमें राज्य की कानून व्यवस्था पर चिंता जताई गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो लगभग 14,288 करोड़ रुपये की आठ प्रमुख राजमार्ग परियोजनाओं को रद्द किया जा सकता है।**
यह पत्र दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के निर्माण में शामिल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के श्रमिकों के खिलाफ हो रही हिंसा और धमकियों की रिपोर्टों के बाद आया है। जालंधर जिले में एक घटना में ठेकेदार के इंजीनियर के साथ बेरहमी से मारपीट की गई। हालांकि एफआईआर दर्ज हो गई है, लेकिन गडकरी ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
लुधियाना जिले में एक अन्य घटना में, दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के ठेकेदार के प्रोजेक्ट कैंप पर उपद्रवियों ने हमला किया और इंजीनियरों को जिंदा जलाने की धमकी दी। गडकरी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, एफआईआर दर्ज नहीं हुई है और उपद्रवियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि 15 जुलाई को हुई समीक्षा बैठक में दिए गए आश्वासनों के बावजूद, भूमि अधिग्रहण और कानून व्यवस्था के मामलों में कोई प्रगति नहीं हुई है। इससे कई रियायतग्राहियों ने अनुबंध समाप्त करने की मांग की है और एनएचएआई के खिलाफ दावे किए जा रहे हैं।
पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा ने गडकरी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से ठीक है। अरोड़ा ने सवाल किया कि गडकरी ने किस आधार पर कानून व्यवस्था को लेकर यह चिंता व्यक्त की है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने भी भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भाजपा पंजाब से नफरत करती है क्योंकि किसानों ने किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि नितिन गडकरी को ऐसे दावे नहीं करने चाहिए।