प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ मचने की घटना के बाद, अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि अत्यधिक भीड़ के कारण स्थगित किए गए पारंपरिक स्नान अनुष्ठान अब भीड़ का दबाव कम होने के बाद संपन्न किए जाएंगे। उन्होंने मेला प्रशासन से बातचीत जारी रखी है, और जैसे ही भीड़ कम होगी, अखाड़े स्नान अनुष्ठान करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बैठक
महाकुंभ में भगदड़ के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव (गृह) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री महाकुंभ में स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और मेला प्रशासन के संपर्क में हैं।
संतों की अपील: सुरक्षा और सावधानी बरतें
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अखाड़ों ने भीड़भाड़ के कारण स्नान की रस्म स्थगित कर दी है, लेकिन वे बिना किसी जुलूस के स्नान की रस्मों में हिस्सा लेंगे। संतों ने श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने और अपने नजदीकी घाटों पर स्नान करने की अपील की है। स्वामी रामदेव और स्वामी अवधेशानंद गिरि जैसे प्रमुख संतों ने भी इस अपील का समर्थन किया है और लोगों से अफवाहों से बचने की अपील की है।
भगदड़ के बाद की स्थिति
बुधवार तड़के संगम नोज पर बैरीयर टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए। मेला अधिकारी आकांक्षा राणा ने बताया कि घायलों का इलाज किया जा रहा है, और किसी की हालत गंभीर नहीं है।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं का उत्साह
मौनी अमावस्या के दिन भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। अब तक 19.94 करोड़ श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में स्नान किया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बुधवार सुबह 8 बजे तक 2.78 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में पवित्र डुबकी लगाई।
मुख्यमंत्री की अपील: अफवाहों से बचें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने और मेला प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “श्रद्धालुगण जिस घाट के पास हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें।”
महाकुंभ में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए, संतों और मुख्यमंत्री ने सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने की अपील की है ताकि सभी श्रद्धालु सुरक्षित रूप से स्नान कर सकें।