You Must Grow
India Must Grow

NATIONAL THOUGHTS

A Web Portal Of Positive Journalism 

महाकुंभ: मौनी अमावस्या के दौरान भगदड़, कई घायल, मृतकों की आशंका

Share This Post

बुधवार की सुबह प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के अवसर पर भगदड़ मचने से कुछ श्रद्धालुओं के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यह घटना त्रिवेणी संगम पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के एकत्र होने के कारण अवरोधकों के टूटने से हुई। घटना लगभग 2 बजे रात के आसपास हुई, जब भगदड़ के कारण कई लोग घायल हो गए और कई परिवार बिछड़ गए।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का हालात पर नियंत्रण

घटना के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तीन बार बात की और स्थिति की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने राहत कार्यों को तेज करने और स्थिति को सामान्य बनाने के निर्देश दिए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से बात की और केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। अधिकारियों ने मौके पर एंबुलेंस भेजी और घायलों को कुंभ के अस्थायी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अमृत स्नान पर अखाड़ों की घोषणाएँ

घटना के बाद अखाड़ों ने यह घोषणा की कि भगदड़ के बाद अमृत स्नान कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया। हालांकि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने बताया कि स्थिति में सुधार होने के बाद सभी अखाड़े पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार स्नान करेंगे। उन्होंने कहा कि अफवाहों के कारण भगदड़ मची, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है।

संगम में डुबकी के लिए सावधानियाँ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे गंगा के नजदीकी घाट पर स्नान करें और संगम नोज की ओर न जाएं, जहां भगदड़ मची थी। उन्होंने प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और अफवाहों से बचने की भी सलाह दी।

मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व

मौनी अमावस्या को हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन त्रिवेणी संगम में लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान करने आते हैं। इस दिन का मानना है कि स्नान से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष प्राप्त होता है। इस वर्ष, त्रिवेणी संगम पर 144 वर्षों के बाद एक दुर्लभ खगोलीय संयोग ‘त्रिवेणी योग’ बन रहा है, जो इस दिन के आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ा देता है।

संगम में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा उपाय

इस दिन की महत्ता को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने भीड़ नियंत्रण के कड़े उपाय किए थे। प्रशासन ने नो-वेकेबल ज़ोन और सेक्टर-वार प्रतिबंध लगाए थे ताकि श्रद्धालुओं की आवाजाही सुचारू और सुरक्षित रहे। इसके बावजूद, भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई, लेकिन प्रशासन ने त्वरित राहत कार्यों के माध्यम से स्थिति को नियंत्रित किया।

महाकुंभ 2025 और श्रद्धालुओं के लिए विशेष सावधानियाँ

महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हुआ और 26 फरवरी तक चलेगा, जिसमें 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। सरकार और प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *