महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार 14 दिसंबर को अपना कैबिनेट विस्तार कर सकती है। महायुति के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, गठबंधन सहयोगियों के बीच सत्ता-बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसके तहत, भाजपा को 20 मंत्री पद मिलेंगे, शिवसेना को 12 मंत्री मिलेंगे, और एनसीपी को 10 मंत्री पद मिलने की संभावना है।
कैबिनेट विस्तार का समय और शपथ ग्रहण
5 दिसंबर को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जबकि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और राकांपा प्रमुख अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। फडणवीस ने उस समय यह स्पष्ट किया था कि 16 दिसंबर को नागपुर में शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले कैबिनेट विस्तार होगा।
पोर्टफोलियो वितरण की योजना
सूत्रों के अनुसार, तीनों पार्टियां (भा.ज.पा., शिवसेना, और एनसीपी) चुनाव से पहले अपने पास मौजूद शीर्ष पोर्टफोलियो को यथास्थिति बनाए रखने की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं। इसके अनुसार, फडणवीस के पास गृह मंत्रालय रहेगा और अजीत पवार के पास वित्त मंत्रालय। शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय मिलने की संभावना है, जो उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले उनके पास था।
शिवसेना को गृह विभाग की उम्मीदें टूटीं
भा.ज.पा. के एक नेता ने बताया कि शिवसेना को गृह विभाग नहीं मिलेगा और राजस्व विभाग भी आवंटित किए जाने की संभावना नहीं है। शिवसेना को शहरी विकास मंत्रालय मिल सकता है, लेकिन राजस्व विभाग मिलने की संभावना खत्म हो गई है। शिंदे के डिप्टी सीएम पद के लिए सहमत होने के बाद शिवसेना ने गृह विभाग की मांग की थी, लेकिन भाजपा ने यह साफ कर दिया था कि शिवसेना को गृह या शहरी विकास में से किसी एक को चुनना होगा।
भा.ज.पा. के पास प्रमुख विभाग
महायुति के सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के पास प्रमुख विभागों में गृह, आवास, राजस्व, सामान्य प्रशासन, कानून और न्यायपालिका, ग्रामीण विकास, बिजली, जल संसाधन, आदिवासी कल्याण, ओबीसी और उच्च शिक्षा रह सकते हैं।
शिवसेना और एनसीपी को विभागों का वितरण
शिवसेना के हिस्से में शहरी विकास, स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और लोक निर्माण विभाग होंगे। वहीं, एनसीपी के पास वित्त, सहयोग, कृषि, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, महिला एवं बाल कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभाग होंगे।
कैबिनेट विस्तार के बाद, राज्य में गठबंधन सरकार के अंदर सत्ता के बंटवारे का यह निर्णय अहम साबित होगा।