महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ काफी तेज हो गई हैं। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर खींचतान के बावजूद, तीनों दल—कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), और एनसीपी—ने भाजपा और शिंदे गुट को हराने के लिए एकजुट होकर चुनाव लड़ने का संकल्प लिया है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने आगामी चुनाव में जीत का दावा किया है, लेकिन मुख्यमंत्री पद पर निर्णय चुनाव के बाद किया जाएगा।
संजय राउत ने कहा कि उनका प्राथमिक उद्देश्य भ्रष्ट महायुति सरकार को हटाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पवार साहब का बयान सही है और एमवीए को महाराष्ट्र में बहुमत मिल रहा है। राउत ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद पर चर्चा की जाएगी, इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। उनका यह बयान इस ओर इशारा करता है कि उनकी पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अपने रुख को नरम किया है।
पिछले महीने, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सहयोगी दलों—कांग्रेस और एनसीपी—से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर निर्णय लेने की अपील की थी और इस पर अपना समर्थन देने की बात कही थी। बुधवार को, आदित्य ठाकरे ने छत्रपति संभाजीनगर में कहा कि एमवीए सहयोगियों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विवाद नहीं है। इससे पहले, कोल्हापुर में पवार ने भी कहा था कि मुख्यमंत्री का निर्णय चुनाव परिणामों के बाद किया जाएगा, और यह आधार तय करेगा कि कौन सी पार्टी सबसे अधिक सीटें जीतती है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नवंबर में संभावित रूप से होंगे।