महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई हुई। इस घटना के बाद कोल्हापुर के स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी की है, जो एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कोल्हापुर क्राइम ब्रांच और मालवन पुलिस ने ज्वॉइंट ऑपरेशन चलाकर आरोपी चेतन पाटिल को हिरासत में लिया। कोल्हापुर पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित के अनुसार, पाटिल को 29 अगस्त की देर रात गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उसे पूछताछ के लिए सिंधुदुर्ग पुलिस को सौंप दिया गया, जहां से उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया।
चेतन पाटिल ने बुधवार को कहा था कि वह इस परियोजना के लिए संरचना सलाहकार नहीं थे। पाटिल के अनुसार, उन्होंने राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) के माध्यम से भारतीय नौसेना को मंच का डिजाइन सौंपा था, लेकिन प्रतिमा से उनका कोई संबंध नहीं था। उन्होंने बताया कि ठाणे की एक कंपनी ने प्रतिमा से जुड़ा काम किया था और उन्हें सिर्फ उस मंच पर काम करने के लिए कहा गया था, जिस पर प्रतिमा खड़ी की जानी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर सिंधुदुर्ग के मालवण तहसील स्थित राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया था। यह प्रतिमा 26 अगस्त को अचानक ढह गई, जिससे राज्य सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को विपक्षी दलों की तीखी आलोचना और विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। शिंदे ने बयान में कहा कि प्रतिमा का निर्माण भारतीय नौसेना द्वारा किया गया था।