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बयान विवाद पर ममता बनर्जी की सफाई: “छात्रों के खिलाफ कुछ नहीं कहा”

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि उनके हालिया भाषण को लेकर एक दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने मेडिकल छात्रों या कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ हो रहे आंदोलन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। एक्स पर एक लंबी पोस्ट में ममता ने कहा, “मुझे कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मेरे कल के भाषण को लेकर फैलाई जा रही गलत जानकारियों का पता चला है।”

ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि उन्होंने मेडिकल छात्रों या उनके आंदोलनों के खिलाफ कुछ नहीं कहा है, बल्कि उनके आंदोलन का पूरा समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “मैंने छात्रों को धमकी नहीं दी है, जैसा कि कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं। ये आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।”

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनका भाषण भाजपा के खिलाफ था, क्योंकि भाजपा पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र को खतरे में डालने और अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है। ममता ने कहा, “मैंने भाजपा के खिलाफ इसलिए बोला क्योंकि वे केंद्र सरकार के समर्थन से हमारे राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।”

उन्होंने अपने भाषण में एक वाक्यांश “फोंश कारा” का उपयोग किया था, जिसे लेकर उन्होंने कहा कि यह श्री रामकृष्ण परमहंस देव का एक उद्धरण है। ममता बनर्जी ने बताया कि महान संत ने कहा था कि जब अपराध और अन्याय होते हैं, तो विरोध की आवाज उठानी ही पड़ती है। इसी संदर्भ में उनका भाषण था।

बुधवार को बीजेपी के 12 घंटे लंबे ‘बंगाल बंद’ के आह्वान के जवाब में ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या पर बंगाल में अशांति फैलाने के लिए अपनी पार्टी का उपयोग कर रहे हैं।

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