मणिपुर में एक बार फिर हिंसा का माहौल बन गया है, जब 6 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद राज्य में स्थिति बिगड़ गई। हाल के दिनों में राज्य में हिंसा शांत थी, लेकिन यह नया संकट तब शुरू हुआ जब 6 मासूमों की निर्मम हत्या की खबर सामने आई। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इसे “कुछ निहित स्वार्थों” की साजिश करार दिया और कहा कि पिछले कुछ महीनों से राज्य में शांति थी, लेकिन अब स्थिति फिर से बिगड़ी है।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हत्या की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि उनकी सरकार तब तक शांत नहीं बैठेगी जब तक दोषियों को न्याय के कठघरे में खड़ा नहीं कर दिया जाता। उन्होंने बताया कि तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या को लेकर तलाशी अभियान जारी है और अपराधियों को पकड़ने की कोशिशें तेज की गई हैं। यह घटना जिरीबाम जिले में हुई थी, जहां छह शव एक नदी से बरामद किए गए थे।
मुख्यमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा, “यह कृत्य मानवता के खिलाफ है और इसका किसी भी सभ्य समाज में स्थान नहीं है। हम इन आतंकवादियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाएंगे। जब तक उन्हें उनके अमानवीय कृत्य के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जाएगा, हम चैन से नहीं बैठेंगे।”
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम पर भी हमला किया, जिन्होंने एक पोस्ट में यह सुझाव दिया था कि मैतेई, कुकी-जो और नागा समुदायों को क्षेत्रीय स्वायत्तता देनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने इसे संकट बढ़ाने का आरोप लगाया और कहा कि चिदंबरम ने इस मामले को और बढ़ावा दिया। हालांकि, मणिपुर कांग्रेस प्रमुख केशम मेघचंद्र के अनुरोध के बाद चिदंबरम ने अपनी पोस्ट हटा दी।
जिरीबाम में 11 नवंबर को उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में 10 उग्रवादियों की मौत हो गई। सीआरपीएफ की त्वरित कार्रवाई की वजह से कई निर्दोष लोगों की जान बचाई गई। मुख्यमंत्री ने सीआरपीएफ और राज्य बलों की सराहना करते हुए कहा, “सीआरपीएफ कर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा ने सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान बचाई और शांति बनाए रखने में मदद की।”
मणिपुर में हिंसा के नए दौर ने राज्य की सुरक्षा स्थिति को गंभीर बना दिया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का वादा है कि दोषियों को जल्द ही पकड़कर न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा। राज्य सरकार और सुरक्षा बलों के मिलकर किए गए प्रयासों से उम्मीद जताई जा रही है कि मणिपुर में फिर से शांति कायम की जा सकेगी।