प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर दौरे न करने को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मणिपुर जाकर वहां के लोगों से बात क्यों नहीं कर सकते? 4 मई 2023 से वह मणिपुर नहीं गए, जबकि उन्होंने देश और विदेश की कई यात्राएं की हैं।”
सीएम बीरेन सिंह का तीखा पलटवार
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इन सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस को पहले अपने कार्यकाल में किए गए पापों का हिसाब देना चाहिए। उन्होंने 1992-93 में हुई नागा-कुकी हिंसा का जिक्र करते हुए पूछा कि उस समय के प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के गलत निर्णयों और बर्मी शरणार्थियों के पुनर्वास ने मणिपुर में उथल-पुथल बढ़ाई।
मणिपुर के लिए माफी और उम्मीद
मुख्यमंत्री ने 2024 को मणिपुर के लिए दुर्भाग्यपूर्ण साल बताते हुए कहा, “मैं राज्य की जनता से माफी मांगता हूं। कई लोगों ने अपनों को खोया और घर छोड़े। लेकिन अब शांति की दिशा में प्रगति हो रही है। मुझे उम्मीद है कि 2025 तक मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।”
कांग्रेस के कार्यकाल पर सवाल
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “1992-1997 के दौरान नागा-कुकी संघर्ष में 1,300 से अधिक लोग मारे गए और हजारों विस्थापित हुए। क्या उस समय के प्रधानमंत्रियों ने मणिपुर आकर माफी मांगी थी? कांग्रेस ने शांति लाने के बजाय हमेशा राजनीति की।”
समाधान की अपील
बीरेन सिंह ने राज्य के सभी समुदायों से अपील की कि वे पुरानी बातों को भुलाकर एक शांतिपूर्ण और समृद्ध मणिपुर के निर्माण में योगदान दें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय किए गए गलत निर्णयों के परिणामस्वरूप आज मणिपुर को ये हालात झेलने पड़ रहे हैं।
मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाजी जारी है। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कांग्रेस के सवालों का करारा जवाब देते हुए पार्टी के कार्यकाल की गलतियों को उजागर किया और शांति और विकास की अपील की।