केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में राष्ट्रीय राजधानी में एक स्मारक बनाने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान ढूंढने में कुछ समय लगेगा।
कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप
सरकारी सूत्रों के अनुसार, स्मारक बनाने के फैसले की जानकारी कांग्रेस को दे दी गई है। हालांकि, उन्होंने कांग्रेस पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। एक सूत्र ने कहा, “सरकार ने स्मारक बनाने का फैसला किया है, लेकिन कांग्रेस इसे राजनीतिक रंग दे रही है।”
सिंह का योगदान और निधन
डॉ. मनमोहन सिंह, जो 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और आर्थिक सुधारों का श्रेय उन्हें दिया जाता है, का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे और उनके नेतृत्व में यूपीए सरकार ने 10 वर्षों तक शासन किया।
कांग्रेस ने लगाए अपमान के आरोप
कांग्रेस ने सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए स्थान न ढूंढ पाने को जानबूझकर किया गया अपमान बताया। कांग्रेस का कहना है कि देश के पहले सिख प्रधानमंत्री के साथ ऐसा बर्ताव दुर्भाग्यपूर्ण है।
अंतिम संस्कार की तैयारियां
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा की कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को सुबह 11:45 बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान जल्द तय किए जाने की बात कही गई है।
डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में स्मारक बनाने के फैसले को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। सरकार और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। वहीं, देश उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एकजुट हो रहा है।