दिल्ली में भारत और श्रीलंका के बीच कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का भारत में स्वागत करते हुए कहा कि उनकी यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों में नई ऊर्जा और गति प्रदान करेगी।
मोदी ने कहा, “हमने अपने संबंधों को भविष्यवादी दृष्टिकोण से मजबूत किया है। आर्थिक साझेदारी में निवेश आधारित विकास और भौतिक, डिजिटल, तथा ऊर्जा कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी गई है।”
भारत का श्रीलंका को समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत ने अब तक श्रीलंका को 5 बिलियन डॉलर की ऋण और अनुदान सहायता प्रदान की है। भारत और श्रीलंका के सभी 25 जिलों में भारतीय प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, जो दोनों देशों के विकास को प्राथमिकता देते हैं।
मोदी ने श्रीलंका के साथ सांस्कृतिक संबंधों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब भारत ने पाली भाषा को “शास्त्रीय भाषा” का दर्जा दिया, तब श्रीलंका में भी इसे उत्साहपूर्वक मनाया गया।
मछुआरों की समस्याओं पर चर्चा
बैठक में भारतीय और श्रीलंकाई मछुआरों की समस्याओं को भी संबोधित किया गया। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि इस मुद्दे को मानवता के दृष्टिकोण से सुलझाया जाना चाहिए।
श्रीलंका के राष्ट्रपति का वक्तव्य
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा, “राष्ट्रपति बनने के बाद मेरी यह पहली विदेश यात्रा है, और मुझे खुशी है कि मैंने भारत का दौरा किया। मुझे मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू का आभारी हूं।” उन्होंने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करती है।
भारत-श्रीलंका संबंधों को नई दिशा
यह बैठक दोनों देशों के बीच सहयोग, विकास और सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की ओर एक अहम कदम मानी जा रही है।