यूपी चुनावों में भाजपा के निराशाजनक परिणाम के बाद, उत्तर प्रदेश में राजनीतिक उठापटक तेज हो गया है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ एक लंबी बातचीत की, जिसमें उत्तर प्रदेश की राजनीतिक दशा और भाजपा के भविष्य के मुद्दे पर चर्चा हुई। मौर्य की इस मीटिंग के बाद वे मीडिया के समक्ष कोई टिप्पणी नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी बात साफ समझा दी है। इस समय उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी मौजूद थे।
मौर्य की यह मीटिंग 48 घंटे से कम समय में नड्डा के साथ दूसरी मुलाकात थी, जिससे इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनकी अन्य केंद्रीय नेताओं से हो रही मुलाकातों को देखते हुए, दिल्ली से लेकर लखनऊ तक में अटकलों का बाजार गर्म है।
इसके अलावा, मौर्य ने कहा था कि ‘संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है’, जिससे उन्होंने संकेत दिया कि वर्तमान में यूपी में प्रदेश भाजपा के संगठन पर सरकार का अधिकार है, जिसके चलते कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी जा रही है। इस बैठक में नड्डा भी शामिल थे, जिन्होंने भी अपनी देशभक्ति और संगठन में अपनी मानसिकता को स्थिर करने के बारे में अभिव्यक्ति की थी।
इस बात से स्पष्ट है कि मौर्य की नाराजगी उनकी प्राथमिकता है, जैसे ही उन्हें बार-बार संगठन की बात करते हुए देखा गया है। उन्हें इस बारे में निर्णय लेने का मौका मिला है कि पुराने सभी खाता-किताब को चुकता करने के लिए समझौते के मूड में नहीं बल्कि अपने मुद्दों को पूरी तरह से हल निकालने के मूड में हैं।