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“उत्तर भारत में मेडिकल इमरजेंसी, गोपाल राय बोले- सो रहे हैं पर्यावरण मंत्री”

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दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर आपातकालीन बैठक की मांग करते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार और भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया। गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर दिल्ली सरकार के बार-बार अनुरोध के बावजूद केंद्रीय पर्यावरण मंत्री सो रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से प्रदूषण पर आपात बैठक बुलाने और कृत्रिम बारिश की अनुमति देने की मांग की।

गोपाल राय ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना चाहिए। यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि वे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएं।” उन्होंने केंद्र सरकार से प्रदूषण की समस्या पर ठोस कार्रवाई की अपील की और कहा कि “ग्रैप” (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) को पूरे उत्तर भारत में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने भाजपा शासित राज्यों में प्रदूषण नियंत्रण नियमों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया।

गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में BS-III पेट्रोल चार पहिया वाहनों और BS-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, दिल्ली में बाहर से आने वाले ट्रकों और डीजल बसों पर भी रोक लगा दी गई है। 10वीं और 12वीं के स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं, और कार्यालयों के कार्य समय में बदलाव किया गया है।

गोपाल राय ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए कृत्रिम बारिश के लिए अनुमति दी जाए, क्योंकि दिल्ली के लिए यह एक आपातकालीन आवश्यकता बन गई है। उन्होंने कहा, “हम उस पर भी काम कर रहे हैं और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।”

गोपाल राय ने कहा कि “पूरा उत्तर भारत अब मेडिकल इमरजेंसी की चपेट में है”, और भाजपा सरकार को इस गंभीर समस्या पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार अपने स्तर पर सभी आवश्यक कदम उठा रही है, लेकिन केंद्र सरकार को भी इस मुद्दे पर चुप नहीं रहना चाहिए।

इस प्रकार, प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार अपनी ओर से हर संभव कदम उठा रही है, लेकिन गोपाल राय ने केंद्र से जल्दी हस्तक्षेप करने और इस गंभीर समस्या का समाधान खोजने की अपील की।

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