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Ministry of AYUSH will organize 'Chintan Shivir' in Assam, road-map will be ready for future

आयुष मंत्रालय असम में ‘चिंतन शिविर’ का करेगा आयोजन, भविष्य के लिए रोड-मैप होगा तैयार

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नई दिल्ली (नेशनल थॉटस) : पिछले कुछ वर्षों में आयुष प्रणालियों के प्रति लोगों के रुझानों में व्यापक बदलाव आया है। बहुत से लोग समग्र स्वास्थ्य सेवा का विकल्प चुन रहे हैं। इसी के मद्देनजर आयुष प्रणालियों के प्रति जागरुखता फैलाने और उसे आगे बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय “चिंतन शिविर” का आयोजन कर रहा है। इस शिविर का आयोजन असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 27 से 28 फरवरी तक होगा।

चिंतन शिविर’ में कौन होगा शामिल
दो दिन तक चलने वाले इस ‘चिंतन शिविर’ में केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल तथा आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई इसके उद्घाटन सत्र में भाग लेंगे। इस चिंतन शिविर में प्रख्यात वक्ता, विशेषज्ञ, आयुष मंत्रालय के अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी भाग लेंगे। दो दिवसीय संवाद कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, असम सरकार, नीति आयोग, उद्योग जगत, स्टार्टअप, शिक्षा जगत आदि के प्रतिष्ठित वक्ताओं और विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चा होगी।

किन विषयों पर होगी चर्चा
दो दिन तक चलने वाले इस ‘चिंतन शिविर’ के पहले दिन 27 फरवरी को पहले सत्र में “आयुष में डिजिटल स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी” विषय पर चर्चा होगी। दूसरे सत्र में “आयुष अनुसंधान, भविष्य की रणनीति, चुनौतियां और आगे का मार्ग” विषय पर विचार-विमर्श होगा। तीसरे सत्र में प्रख्यात वक्ता आयुष शिक्षा ‘भविष्य की पहल’, क्षमता निर्माण, रोजगार सृजन और एनईपी के बारे में अपने विचार साझा करेंगे।दूसरे दिन 28 फरवरी को ‘आयुष औषधि उद्योग की वर्तमान चुनौतियां और आगे की राह,आयुष उत्पादों की सेवाएं और मानकीकरण’ विषय पर विचार-विमर्श किया जाएगा। भारत दुनिया के अन्य देशों की तुलना में आयुष बाजार में तेजी से आगे बढ़ा है और इसके पास वैश्विक बाजार का लगभग 2.8 प्रतिशत हिस्सा है। 

चिंतन शिविर का उद्देश्य

इस दो दिवसीय संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य आयुष स्टार्टअप्स और निर्माताओं को आयुष में स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के तरीकों की पहचान करना भी है।“चिंतन शिविर” में होने वाले विचार-विमर्श अमृतकाल को ध्यान में रखते हुए आयुष मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए दृष्टि दस्तावेजों के अनुरूप हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए रोड मैप, तकनीकी प्रगति के अधिकतम उपयोग के साथ-साथ उपलब्ध कराने योग्य अन्य उत्पाद व सेवाएं; “चिंतन शिविर” में दो दिनों के विचार-विमर्श के अपेक्षित परिणाम हो सकते हैं।

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