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“केजरीवाल के सवालों का मोहन भागवत ने अप्रत्यक्ष जवाब दिया!”

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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर भाजपा की राजनीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली पर पांच सवालों के जवाब मांगे हैं। केजरीवाल ने आरएसएस से सीधा जवाब मांगा, लेकिन संघ की ओर से सीधे-सीधे कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

नागपुर में एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा कि भारत के पास दुनिया की समस्याओं का उत्तर है। उन्होंने देश की प्राचीन परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह विविधता को स्वीकार करती है और किसी को भी खारिज नहीं करती। भागवत ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर लिखी गई किताब के विमोचन के अवसर पर यह बातें कहीं।

भागवत ने बताया कि जब भारत का उदय होगा, तब डगमगाती हुई दुनिया को मार्गदर्शन मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 2,000 वर्षों में किए गए जीवन-संबंधी प्रयोग लोगों के जीवन में खुशी और शांति लाने में असफल रहे हैं।

आरएसएस प्रमुख ने चिंता जताई कि भौतिकवादी विकास अपने चरम पर है और यह मानवता को विनाश की ओर ले जा रहा है। उन्होंने प्रश्न उठाया, “इसका उत्तर क्या है?” भागवत ने स्पष्ट किया कि हमारी परंपरा में इसका उत्तर है, क्योंकि हम सभी विविधताओं को स्वीकार करते हैं और किसी को अस्वीकार नहीं करते।

भागवत ने कहा कि दुनिया एक है लेकिन विविधता चाहती है। उन्होंने महात्मा गांधी का उद्धरण देते हुए कहा, “वह बदलाव खुद में कीजिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।”

भागवत ने सभी को यह संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया कि भारत वैश्विक समुदाय के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान देने की क्षमता रखता है। उनके अनुसार, “हम सभी को दुनिया का मार्गदर्शक बनने का संकल्प लेना चाहिए।”

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