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संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत, पीएम बोले- गारंटियों को पूरा करने वाला बजट पेश करेंगे

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संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। इस सत्र के दौरान मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेगी। संसद में आज आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाएगा, उसके बाद कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। इस बार के बजट से देश को काफी उम्मीदें हैं। माना जा रहा है कि इस बार का बजट लोक लुभावन होगा और इसमें रोजगार सृजन पर विशेष जोर होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून सत्र के सार्थक रहने की उम्मीद जताई है। संसद सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की नजर संसद पर है और हमारा जोर गारंटियों को पूरा करने पर रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज सावन का पहला सोमवार है। इस पावन दिन पर एक महत्वपूर्ण सत्र शुरू हो रहा है। मैं सावन के पहले सोमवार पर देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। आज संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। आज पूरे देश की नजर इस पर है। यह एक सकारात्मक सत्र होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि 60 साल बाद कोई सरकार तीसरी बार चुन कर आई है। उन्होंने कहा कि जितनी लड़ाई लड़नी थी लड़ ली अब देश के लिए लड़ाई लड़नी है।

संसद सत्र के दौरान विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है। सत्र के दौरान विपक्ष ‘नीट’ पेपरलीक और रेल सुरक्षा जैसे मुद्दों को उठाएगा। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का मुद्दा भी संसद में उठाए जाने की तैयारी है। सरकार ने रविवार को जो सर्वदलीय बैठक बुलाई थी उसमें विपक्ष के तेवरों से साफ हो गया था कि वह जनहित के मुद्दे प्रभावी तरीके से उठाएगा। वैसे मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की असली चुनौती आज से ही शुरू हुई है क्योंकि अब भाजपा के पास लोकसभा और राज्यसभा में अपने दम पर बहुमत नहीं है इसलिए उसे विधेयक पारित कराने में एनडीए के सहयोगी दलों के अलावा इंडिया गठबंधन से अलग विपक्षी दलों के साथ की भी जरूरत पड़ सकती है। भाजपा के लिए मुश्किल यह भी है कि बीजू जनता दल अब पहले की तरह सहयोग नहीं कर रहा। पार्टी प्रमुख नवीन पटनायक ने अपने सांसदों से प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाने को कहा है।

आज से शुरू हुआ मानसून सत्र 12 अगस्त को समाप्त होगा। इस दौरान 19 बैठकें होंगी। इस सत्र में सरकार की ओर से छह विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है, जिनमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने वाला विधेयक भी शामिल है। इस सत्र में जम्मू-कश्मीर के बजट के लिए संसद की मंजूरी भी मिलेगी। इस केंद्रशासित प्रदेश में फिलहाल विधानसभा अस्तित्व में नहीं है और केंद्र का शासन है। इस सत्र में वित्त विधेयक के अलावा सरकार ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक को भी पेश करने, विचार करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है। लोकसभा बुलेटिन में कहा गया था कि प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रहे विभिन्न संगठनों की भूमिका में अधिक स्पष्टता और तालमेल लाना है। इसके अलावा, भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 नागरिक उड्डयन क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी के लिए सक्षम प्रावधान प्रदान करने की खातिर 1934 के विमान अधिनियम को बदलने का प्रयास करता है। सत्र के दौरान पेश और पारित किए जाने वाले अन्य विधेयकों में स्वतंत्रता पूर्व के कानून की जगह लेने वाला बॉयलर विधेयक, कॉफी (संवर्धन और विकास) विधेयक और रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक शामिल हैं।

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