स्पेशल स्टोरी: एक बार एक बहुत बड़ा नेता एक साधु के छोटे से आश्रम में गया। वह साधु के बारे में बहुत सुना था तो उसके मन में आया कि मैं एक बार जा करके देखता हूं कि लोग उसकी इतनी तारीफ क्यों करते है। जब वह उस आश्रम में गया तो वहां पर एक छोटा सा कमरा था जहां पर एक कालीन बिछा हुआ था।
वहां पर कुछ लोग नीचे बैठे हुए थे और साधु जी सामने बैठे हुए थे कुछ सवाल-जवाब चल रहा था। वह नेता उस आश्रम में आया और उस नेता के साथ में चार बॉडीगार्ड भी थे और उसकी यह आदत थी की जहा पर भी वह जाता था लोग अपनी जगह से खड़े हो जाते थे और उसकी तरफ देखते थे हाथ जोड़ते थे और सर झुकाते थे। लेकिन यहां पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ साधु व्यस्थ होने के कारण उसकी तरफ देखा तक नही तभी नेता को लगा कि यह मेरी बेज्जती है और वह इस बात से गुस्सा हो गया।
नेता ने थोड़ा गुस्से से साधु की बात को बीच में काटते हुए कहा कि मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं साधु ने उसकी तरफ देखा और बोला आप थोड़ी देर रुकिए पहले मैं इनके सवाल का जवाब दे दूँ उसके बाद मैं आपसे बात करता हूँ तब तक आप अगर चाहे तो आप बैठ सकते हैं। बस साधु का इतना कहने की ही देरी थी नेता का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और फिर उसने अपना सारा गुस्सा उस साधु पर निकाल दिया।
अभी तक वह नेता बहुत तमीज से आप-आप कह करके बात कर रहा था लेकिन अब वह तू तड़ाक पर उतर आया।
नेता ने उस साधु को कहा तुझे पता भी है मैं कौन हूं? और तू किससे बात कर रहा है? साधु ने उसकी तरफ देखा और कहा मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कौन हैं, लेकिन आप जो कोई भी है अगर आप चाहते हैं कि मैं आपके सवाल का जवाब दूं या आप से बात करूं तो आपको कुछ देर रुकना होगा और साधु की यह कहते हैं नेता गुस्से से पागल हो गया और वही सब के सामने चीखने-चिल्लाने लग गया।
अब मैं तुझे तेरी असली औकात दिखाऊंगा, तूने मुझसे पंगा ले करके ठीक नहीं किया तुझे पता भी है मैं तेरे बारे में क्या सोचता हूँ। साधु ने फिर से नेता की तरफ देखा और बड़े ही प्रेम से कहा कि मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप मेरे बारे में क्या सोचते हैं आप जो चाहे वह मेरे बारे में सोच सकते है।
फिर नेता ने उससे कहा की तू चाहे सुनना चाहता है या नहीं लेकिन मैं तुझे यही सब के सामने बताऊंगा कि मैं तेरे बारे में क्या सोचता हूं। तू कोई साधु नहीं है तू एक बहुत ही घटिया इंसान है तू एक ढोंगी है पाखंडी है और यहां पर जितने भी लोग बैठे हैं उन सबको बेवकूफ बना रहा है तेरा बस एक ही मकसद है इन लोगों की जेब में जितना भी पैसा है वह सब तेरे पास में आ जाए। तू अपने फायदे के लिए इन लोगों का इस्तेमाल कर रहा है और अब मैं तुझे नहीं छोड़ने वाला हूं। पूरी दुनिया के सामने तेरा पर्दाफाश करके रहूंगा।
लेकिन उसके इतना बोलने के बाद भी हल्की सी मुस्कान उस साधु के चेहरे पर बनी ही रही। यह देखकर वह और भी तिलमिला गया और उसने कहा अब बहुत हो गया। अब मैं यहां 1 मिनट भी नहीं रुकने वाला लेकिन अभी भी तेरे पास मौका है अगर मुझ से माफी मागनी है या मुझसे कुछ कहना है तो कह सकते हो। इतना सब होने के बाद भी साधु के चेहरे पर एक मुस्कान थी और वह बिल्कुल शांत था और फिर उन्होंने अपनी आंखें बंद करी और फिर साधु ने अपनी आंखें खोली हाथ जोड़े और कहा कि मुझे आपसे कोई गिला शिकवा नहीं है।
आपके लिए मेरे मन में कोई भी गलत ख्याल नहीं है जो भी मेरे बारे में आपने कहा वह आपकी अपनी सोच थी तो मुझे आप में कोई भी बुराई नजर नहीं आती है मुझे आप बहुत ही भले इंसान लग रहे हैं और साधु के इतना कहते ही नेताजी का दिमाग सातवें आसमान पर पहुंच गया। उसके चेहरे पर एक अजीब सी खुशी थी क्योंकि उस साधु ने वही कहा जो बाकी सब लोग उस नेता को कहते हैं और वह खुशी-खुशी उस आश्रम से अपने घर की तरफ चला गया।
घर जाकर के अपने पिताजी के साथ में बैठ गया। उसके पिताजी ध्यान में थे, उन्होंने पूरी जिंदगी सिर्फ लोगों की सेवा करी और और बदले में कुछ भी उम्मीद नहीं किया तो थोड़ी देर बाद जब उन्होंने अपनी आंखें खोली और देखा अपने बेटे को अपने साथ बैठे हुए तो उनके बेटे के चेहरे पर आज एक अजीब सी खुशी थी जो आज से पहले उन्होंने कभी नहीं देखी थी। फिर उसने एक-एक करके सब कुछ बताया कि आज क्या हुआ किस तरह से वह आश्रम गया और वहां पर क्या हुआ उसने क्या कहा और साधु जी ने क्या कहा।
जब उसके पिताजी ने पूरी बात सुनी तो थोड़ा सा मुस्कुराए और अपने बेटे को देख करके बोले कि उन्होंने तुम्हारी तारीफ नहीं करी, क्योंकि उन्होंने वह नहीं कहा कि जो तुम हो उन्होंने वह कहा कि जो वह खुद है और तुमने जो भी कुछ उनको कहा वो नहीं कहा कि जो वो है बल्कि तुमने वह का जो तुम खुद हो।
सार : यही बात वेदों में भी कही गई है यथा दृष्टि तथा सृष्टि यह दुनिया तुम्हें वेसी नहीं दिखती जेसी यह दुनिया है यह दुनिया वैसी दिखती है तुम्हें जैसे तुम खुद हो जिसकी नजर जैसी है उसके लिए यह दुनिया वैसी ही है तो अगर तुम अपनी दुनिया को बदलना चाहते हो तो उसका सिर्फ एक तरीका है अपनी नजर को बदलो।