Motivational Story : आदतें को जल्द बदले नहीं तो परिणाम बुरा होगा
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आज की कहानी इंसान की उन बुरी आदतों पर निर्धारित है जिन्हें जानने के बाद सुधारा जा सकता था | एक बार की बात है एक गाँव में रवि नाम का बहुत धनी व्यक्ति रहता था | वह व्यक्ति अपने बेटे की बुरी आदतों से बहुत परेशान था | वह जब भी बेटे से आदत छोड़ने को कहते तो एक ही जवाब मिलता , ” अभी मैं इतना छोटा हूँ..धीरे-धीरे ये आदत छोड़ दूंगा !” पर वह कभी भी आदत छोड़ने का प्रयास नहीं करता | बेटे की इन हरकतों से तंग आकर उन्होंने सब ऊपर वाले पर छोड़ दिया |
उन्ही दिनों एक महात्मा गाँव में पधारे हुए थे, जब रवि को उनकी ख्याति के बारे में पता चला तो वह तुरंत उनके पास पहुँचा और अपनी समस्या बताने लगा | महात्मा जी ने उनकी बात सुनी और कहा , ” ठीक है , आप अपने बेटे को कल सुबह बगीचे में लेकर आइये, वहीँ मैं आपको उपाय बताऊंगा | अगले दिन सुबह पिता-पुत्र बगीचे में पहुंचे |
महात्मा जी बेटे से बोले , ” आइये हम दोनों बगीचे की सैर करते हैं.” , और वो धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे | चलते-चलते ही महात्मा जी अचानक रुके और बेटे से कहा, ” क्या तुम इस छोटे से पौधे को उखाड़ सकते हो ? उस लड़के ने कहा – ” जी हाँ, इसमें कौन सी बड़ी बात है .”, और ऐसा कहते हुए बेटे ने आसानी से पौधे को उखाड़ दिया | फिर वे आगे बढ़ गए और थोड़ी देर बाद महात्मा जी ने थोड़े बड़े पौधे की तरफ इशारा करते हुए कहा, ” क्या तुम इसे भी उखाड़ सकते हो?”
बेटे को तो मानो इन सब में कितना मजा आ रहा हो, वह तुरंत पौधा उखाड़ने में लग गया | इस बार उसे थोड़ी मेहनत लगी पर काफी प्रयत्न के बाद उसने इसे भी उखाड़ दिया | वे फिर आगे बढ़ गए और कुछ देर बाद पुनः महात्मा जी ने एक गुडहल के पेड़ की तरफ इशारा करते हुए बेटे से इसे उखाड़ने के लिए कहा |
बेटे ने पेड़ का ताना पकड़ा और उसे जोर-जोर से खींचने लगा | पर पेड़ तो हिलने का भी नाम नहीं ले रहा था | जब बहुत प्रयास करने के बाद भी पेड़ टस से मस नहीं हुआ तो बेटा बोला , ” अरे ! ये तो बहुत मजबूत है इसे उखाड़ना असंभव है |
महात्मा जी ने उसे प्यार से समझाते हुए कहा , ” बेटा, ठीक ऐसा ही बुरी आदतों के साथ होता है , जब वे नई होती हैं तो उन्हें छोड़ना आसान होता है, पर वे जैसे-जैसे पुरानी होती जाती हैं इन्हें छोड़ना मुश्किल होता चला जाता है | बेटा उनकी बात समझ गया और उसने मन ही मन आज से ही आदत छोड़ने का निश्चय किया |