एक पार्क में एक महिला बैंच के दूसरे किनारे पर बैठ गई और सामने खेल रहे एक छोटे लड़के की तरफ इशारा करते हुये बोली, वो मेरा बेटा है लाल स्वेटर मे। पास दूसरे किनारे पर बैठे पुरुष ने उसकी ओर देखा और कहा वह मेरी बेटी है बाईक पर सफेद कपड़ों मे।
पिता का धैर्य
कुछ समय बाद वह आदमी खड़ा हुआ और बोला बेटी लगता है चलने का समय हो गया है, बेटी बोली पापा सिर्फ पांच मिनट। वह फिर वापस से आकर बैंच पर बैठ गया। कुछ समय बाद वह फिर से खड़ा हुआ और बोला बेटी चलो चलते है, पापा सिर्फ पांच मिनट, उसने कहा ओके और फिर से आकर बैंच पर बैठ जाता है। लगता है बहुत धैर्यवान पिता हैं आप।
बड़े बेटे की एक सड़क दुर्घटना में हुई मृत्यु, पिता को हमेशा 5 मिनट का अफसोस रहा
एक वर्ष पहले प्रिया के बड़े भाई रोहन की एक सड़क दुर्घटना मे मृत्यु हो गई थी। एक लापरवाह ट्रक चालक ने बड़ी लापरवाही से उसकी बाईक को टक्कर मार दी थी। वह उसे कभी पांच मिनट का समय भी नहीं दे पाया था। इसका उसे बेहद अफसोस है। वह हमेशा ही अपने काम में व्यस्त रहता था। आज वह बेटी को नहीं अपने आप को पांच मिनट दे रहा था।
परिवार हमेशा आपकी प्राथमिकता होना चाहिए
कहानी का मिली सीख : आप अपने व्यक्तिगत जीवन मे कितने भी बिजी हो, अपनी प्राथमिकता पर अवश्य ध्यान देना चाहिए और परिवार हमेशा आपकी प्राथमिकता में रहना चाहिए।